राजस्थान के SMS हॉस्पिटल में अमेरिका की एक महिला ने ऑपरेशन करवाकर अपनी हाइट करीब 15 सेमी. तक बढ़ाई है। इस ऑपरेशन में उस महिला को 15 लाख तक का खर्च आया। इसी सर्जरी के लिए अमेरिका में एक करोड़ रुपए का खर्च आता है।
भारत में अभी शादियों का सीजन चल रहा है। शादी से पहले लड़कियों को कई तरह की चिंता सताने लगती है। किसी को अपने रंग को लेकर फ्रिक है तो किसी को अपनी कम हाइट का डर। सांवली लड़कियां गोरा रंग पाने के लिए कई तरह के ट्रीटमेंट और सर्जरी करवाती हैं। ऐसा आम लड़कियों के साथ नहीं है। कई लड़कियों की रोल मॉडल प्रियंका चोपड़ा भी रंगभेद का शिकार हो चुकी हैं।
प्लास्टिक सर्जरी में चौथे स्थान पर भारत
हमारे देश ने प्लास्टिक सर्जरी के क्षेत्र में काफी तरक्की की है। प्लास्टिक सर्जरी करवाने के मामले में भारत चौथे स्थान पर है, जबकि अमेरिका, ब्राजील और चीन पहले-दूसरे स्थान पर है। इतना ही नहीं, भारत में प्लास्टिक सर्जरी का कारोबार 30 फीसदी की दर से बढ़ रहा है। यहां प्लास्टिक सर्जरी करवाने वालों में 10% विदेशी होते हैं। पिछले कुछ समय से भारतीय लड़कियों के बीच इस सर्जरी को शादी से पहले करवाने का चलन बढ़ा है। इसके अलावा भी कई सर्जरी हैं जो लड़कियां अपनी नई जिंदगी शुरू करने से पहले अपना रही हैं।
1. लिम्बप्लास्टिक्स कॉस्मेटिक लिम्ब-लेंडिंग सर्जरी- इस सर्जरी से हाइट बढ़ाई जा सकती है।
2. मेलानिन सर्जरी- इस सर्जरी में चेहरे के अंदरूनी हिस्से को केमिकल द्वारा गोरा किया जाता है।
3. प्लास्टिक सर्जरी - इस सर्जरी से इंसान अपनी बॉडी का कोई खास हिस्सा मॉडिफाई करवाता है।
4. हाइमनोप्लास्टी- इस सर्जरी से खोई हुई वर्जिनिटी को वापस पाया जा सकता है।
70 साल से चलन में है लिम्ब-लेंडिंग सर्जरी
लिम्बप्लास्टिक्स कॉस्मेटिक लिम्ब-लेंडिंग सर्जरी की खोज करने वाले सोवियत संघ के डॉक्टर गेव्रिल इलिजारोव थे। वह दूसरे विश्व युद्ध से लौट रहे घायल सैनिकों का इलाज किया करते थे। यह सर्जरी 70 साल से चलन में है, लेकिन इसके कई बेसिक्स अभी भी पहले जैसे ही हैं।
महंगी और दर्दनाक सर्जरी, बाद में भी कर सकती है परेशान
इस सर्जरी को लिम्बप्लास्टिक्स कॉस्मेटिक लिम्ब-लेंडिंग सर्जरी कहते हैं। इस प्रक्रिया में घुटने की सर्जरी कर उन्हें लंबा किया जाता है। टांगें लंबी होने की वजह से लोगों का कद बढ़ जा रहा है। मगर इस सर्जरी के कई तरह के रिस्क भी सामने आ रहे हैं और स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कई लोगों को इस सर्जरी के बाद लंबे समय तक समस्याएं झेलनी पड़ रही हैं। यह सर्जरी काफी लंबी चलने वाली, महंगी और दर्दनाक होती है।
जांघ और पैर की हड्डी की लंबाई बढ़ाने के काम आती है
दिल्ली के विमहंस नयाति सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टर दीपक ठाकुर कहते हैं कि कोई अगर कॉस्मेटिक पॉइंट से यह सर्जरी करवाना चाहता है तो मैं उसे यह करवाने की सलाह नहीं दूंगा। क्योंकि यह सर्जरी बहुत दर्दभरी और रिस्की है। इसमें थाई की हड्डी फीमर और पैर की हड्डी टीबिया की लंबाई बढ़ाई जाती है। आमतौर पर पैर की हड्डी टीबिया की ही लंबाई बढ़ाई जाती है। इसके लिए सबसे पहले घुटने के नीचे टीबिया को क्रैक किया जाता है और वहां पर एक मशीन फिट कर दी जाती है। इस मशीन में नट बोल्ट लगा होता है। मशीन का काम है कि जहां से हड्डी तोड़ी गई है उस गैप को बढ़ाना होता है। रोजाना कम से कम हड्डी के बीच का गैप 1 MM बढ़ता है और उस गैप में रोजाना नई हड्डी बनती है। नई हड्डी पर रोजाना नई परत चढ़ती रहती है, जिससे कुछ दिनों बाद हड्डियां मजबूत हो जाती हैं।
फायदे के साथ हर सर्जरी से हो सकते हैं नुकसान भी इस सर्जरी के कुछ फायदे भी होते है वहीं कई बार यह नुकसानदेह भी हो सकती है। अगर सर्जरी करते समय जरा-सी लापरवाही हो जाए तो शरीर को कई बड़े खतरे हो सकते हैं।वहीं अगर कॉस्मेटिक सर्जरी करते समय जरा-सी लापरवाही हो जाए तो आपका चेहरा बिगड़ भी सकता है। कई बार इसके कारण शरीर में हॉर्मोन भी असंतुलित हो जाते हैं, जिससे स्किन को नुकसान पहुंचाता है। इसके अलावा इससे स्किन रैशेज, खुजली, जलन की समस्या भी हो सकती है।
कोई दवा नहीं बढ़ा सकती लंबाई, कम उम्र में ही ध्यान दें
दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल की डॉक्टर उषा रंजन का कहना है कि हाइट बढ़ाने वाली कोई भी दवा असरदार नहीं है। सिर्फ टीन-एज में कैल्शियम और विटामिन देकर बच्चों की हाइट बढ़ाई जा सकती है। अगर कोई एडल्ट हाइट बढ़ाने की सोचे तो ऐसा संभव नहीं है। कुपोषण की वजह से कई लोगों की हाइट नहीं बढ़ती, तो उस केस में पोषित आहार देकर हाइट में थोड़ा फर्क लाया जा सकता है।
बच्चों की लंबाई बहुत हद तक उनके माता-पिता के कद और खानपान पर निर्भर करती है। हॉर्मोन और जेनेटिक कारणों से उनकी लंबाई कम या ज्यादा भी हो सकती है। हालांकि इन दिनों हाइट का भी मार्केट सज गया है। कई दवाएं और सप्लीमेंट को लेकर दावे किए जा रहे हैं कि इन्हें खाने से कोई भी लंबा हो जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं है। कोई भी ऐसी दवा बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं खानी चाहिए वरना नुकसान भी हो सकता है।
गोरी होने के लिए हर महीने 25 हजार का खर्च
लखनऊ की रहने वाली ममता को इस बात की चिंता है कि उसका सांवला रंग और कम हाइट शादी में अड़चनें डाल रहा है। 7 साल लिव-इन में रहने के बाद भी अब उसके बॉयफ्रेंड का कहना है कि उसके घर वालों को बहू के तौर पर एक गोरी और अच्छी हाइट वाली लड़की चाहिए। अब वह फेयरनेस ट्रीटमेंट के लिए हर महीने 25 हजार खर्च कर रही है। ममता का कहना है कि वह अपनी हाइट बढ़ाने के लिए सर्जरी भी करवाएंगी। इसके लिए वह बैंक से लोन लेंगी। उनका ट्रीटमेंट नोएडा के एक नामी प्राइवेट अस्पताल में चल रहा है।
हाइट बढ़ाने की दवा से एक हाथ हो गया लंबा
दिल्ली की दिव्या के दोस्त उनकी हाइट को लेकर मजाक उड़ाते थे। ग्रुप फोटो लेने के वक्त मुझे कहते हैं कि तू आगे खड़ी हो जा वरना छुप जायेगी। जब बात शादी की आयी तो कई जगह से रिजेक्शन के बाद मेरा कॉन्फिडेंस एकदम से खत्म हो गया। मुझे एक दिन हाइट बढ़ाने वाली दवा इंटरनेट पर मिली जो 6 महीने लगातार खाने पर हाइट बढ़ाने का दावा कर रही थी। मैंने 6 महीने तक दवा खाकर अपनी हाइट चेक की। इससे मुझे काफी डिप्रेशन हो गया। हाइट बढ़ने की जगह मेरे एक हाथ की लंबाई दो इंच बढ़ गई, दूसरा हाथ वैसा ही रहा।
स्किन कलर से पड़ता है फर्क
एक मैट्रिमोनियल वेबसाइट शादी एलीट मैरिज के सर्वे में बताया गया कि शादी की बात आती है, तो लगभग 70-75% लोग गोरे लड़के / लड़कियों की डिमांड करते हैं। शादी के विज्ञापनों में पुरुषों की फेयरनेस क्रीम के विज्ञापनों ने भी जोर पकड़ा हुआ है। शादी ही नहीं, बाकी जगहों पर भी स्किन कलर से फर्क पड़ता है। अगर किसी गोरे लड़के की शादी सांवली लड़की से हो जाती है, तो सबसे पहले परिवार वाले उसके साथ भेदभाव का रवैया अपनाते हैं। लड़की को खास तरह के कपड़े और मेकअप करने पर ही जोर दिया जाता है, ताकि उसकी सांवली रंगत और गहरी न लगे।
समाज की सोच को अपने दिमाग पर हावी न होने दें
साइकोलोजिस्ट बिंदा सिंह की कहती हैं कि हमारे समाज में कम हाइट और सांवले रंग से बहुत फर्क पड़ता है। किसी जॉब इंटरव्यू के लिए भी आप जा रहे हों, तो लोगों को अपनी काबिलियत से ज्यादा अपने रंग और हाइट को लेकर चिंता लगी रहती है। खूबसूरती की पहली शर्त गोरी रंगत ही मानी जाती है। सांवली रंगत वालों के नयन-नक्श भले ही कितने भी आकर्षक क्यों न हों, गोरे रंग के सामने उन्हें कमतर ही आंका जाता है। कहीं किसी पार्टी या समारोह में भी व्हाइट स्किन ज्यादा अटेंशन बटोरती नजर आएगी। इसलिए लड़कियों को अपने सांवले रंग और कम हाइट की चिंता हमेशा लगी रहती है। लेकिन इस बारे में सोचना उन्हें निराशा की ओर धकेल सकता है। पहले यह समझना चाहिए कि दुनिया में कई रंगों के लोग होते हैं। वे सभी एक-दूसरे से अलग होते हैं, न कि कमतर या बेहतर। दुनिया भर में स्किन कलर को लेकर लोगों की सोच आज भी आधुनिक नहीं है और इसी के दबाव में आकर लोग झूठे विज्ञापनों की ओर आकर्षित होते हैं।
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