बेल्जियम में एक ट्रेनी ईजीजेट पायलट की मच्छर काटने से मौत हो गई। जांच में पाया गया कि मच्छर काटने के बाद उसे एक तरह का इंफेक्शन हो गया था। 21 साल की ओरियाना पायलट की ट्रेनिंग के लिए बेल्जियम में थी, जब पिछले साल जुलाई में उसकी राइट आइब्रो के ऊपर का हिस्सा सूज गया था। उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गयी।
अस्पताल की लापरवाही से हुई मौत
जांच में अस्पताल की लापरवाही सामने आयी है। जिसमें कहा गया कि ट्रेनिंग के दौरान जब उसे एक मच्छर ने काटा और इसके आइब्रो के उपर स्वेलिंग होने लगा। तब उसे 7 जुलाई को अस्पताल ले जाया गया। वहां उसे एक एंटीबायोटिक्स देकर घर जाने को कहा गया। दो दिन बाद जब वे अपने बॉयफ्रेंड के यहां गयी थी तो अचानक बेहोश होकर गिर गयी। तब उसे फिर से अस्पताल ले जाया गया। जहां उसका इलाज चला था और तीन दिन बाद उसकी मौत हो गयी।
मच्छर काटने से मौत का पहला मामला
एक वरिष्ठ अधिकारी पार्सले ने बताया कि ओरियाना की मौत माथे पर एक मच्छर के काटने से होने वाले गंभीर इंफेक्शन के कारण हुई है। ओरियाना के माता-पिता ट्रिस्टन और लुइसा से पार्सले ने बताया कि मैंने पहले कभी ऐसा मामला नहीं देखा। एक मच्छर के काटने से मौत का यह पहला केस है। अगर वह आज जिंदा होती तो उनका एक बेहतर करियर होता।
पायलट के लिए उसका ऑफिस था आसमान
ओरियाना के पिता पेप्पर ने बताया कि उनकी बेटी को अपने पिता और अपने भाई ओलिवर के साथ प्लेन उड़ाना था। वह कब से उसके सपने देख रही थी। उनकी बेटी कहती थी कि बादलों के बीच उसका ऑफिस है। उसे किसी से प्यार करती थी। उसके साथ वह अपने करियर के बाद जिंदगी बसाना चाहती थी।
करियर के बाद शादी करके बसाना चाहती थी घर
ओरियाना के प्रेमी जेम्स से वह एक अमेरिका के एरिजोना के फिनिक्स में एक फ्लाइट स्कूल से मिली थी, जब वह इंटर्नशिप कर रही थी। जेम्स ने बताया कि ओरियाना ने उन्हें कई बार मच्छर काटने के बारे में बताया था। मच्छर काटने के बाद उसके आइब्रो के पास दर्द और कई जगह लाल निशान हो गए थे। इसके अलावा उसके पीठ में भी काफी दर्द हो है।
हर साल मच्छर काटने से 10 लाख मौत
वर्ल्ड मॉस्क्युटो प्रोग्राम के मुताबिक, हर साल 70 करोड़ लोग मच्छरों से फैलने वाली बीमारी से जूझते हैं। इनमें से 10 लाख से अधिक लोगों की मौत हो जाती है। मच्छरों से कई तरह की बीमारियां होती हैं। जिसमें जीका, डेंगू और मलेरिया मुख्य है। WHO के अनुसार, मच्छरों से होने वाली बीमारी का सबसे ज्यादा खतरा 5 साल से कम उम्र के बच्चों में रहता है।
चीन में 4 साल में मलेरिया का कोई मामला नहीं
दुनियाभर में मच्छर से फैलने वाली बीमारियों से निपटने के लिए प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं , लेकिन इनमें कोई भी बीमारी को पूरी तरह रोका नहीं जा सका। कई देश खुद को मलेरिया मुक्त घोषित कर चुके हैं, पिछले 4 साल से यहां एक भी मामला सामने नहीं आया है।
मादा मच्छर करती है बीमारी फैलाने का काम
कई रिसर्च में यह साबित हो चुका है कि इंसान में बीमारी फैलाने और खून पीने का काम मादा मच्छर करती है। मादा मच्छरों को शरीर में अंडे बनाने के लिए पोषक तत्वों की जरूरत होती है. इसलिए वे इंसानों को काटने के बाद उड़ जाती है। वहीं नर मच्छर फूलों के पराग से अपनी भूख मिटाते हैं।
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