राजस्थान ऐसा राज्य है, जिसे ज्वैलरी डिजाइनिंग और बिजनेस के लिए सिर्फ देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में जाना जाता है। यहां लोगों का पुश्तैनी काम ही ज्वैलरी डिजाइन करने और उसके कारोबार से जुड़ा है। हालांकि, ज्वैलरी महिलाओं की खूबसूरती में चार चांद लगाती है, लेकिन इस कारोबार में हमेशा से पुरुषों का ही दबदबा रह है। समय के साथ महिलाएं जैसे-जैसे आगे बढ़ीं, यह ट्रेंड भी जल्द बदल गया है।
जयपुर में बीते दिसंबर के दौरान आयोजित हुए 'जयपुर ज्वैलरी शो' के 17वें सत्र में पहली बार 200 से भी ज्यादा महिला आंत्रप्रेन्योर ने हिस्सा लिया। यह पिछले पांच साल में सबसे अधिक संख्या रिकॉर्ड की गई।
महिला आंत्रप्रेन्योर न सिर्फ नई-नई डिजाइन मार्केट में ला रही हैं, बल्कि बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए मार्केट की उम्मीद पर भी खरी उतर रही हैं। यंग महिला ज्वैलर्स एस्थेटिक ज्वैलरी और फैशन ज्वैलरी पर काम कर रही हैं। आज इनकी कंपनियों के अच्छे टर्नओवर भी हैं।
जयपुर की बेटी ने शुरू किया खुद का ज्वैलरी ब्रांड आज देश की टॉप अभिनेत्रियां करती हैं इनके लिए मॉडलिंग
जयपुर की रहने वाली ज्वैलरी डिजाइनर सोनल सावनसुखा ने भास्कर वुमन टीम से बातचीत में बताया कि वह पिछले 14 साल से 'ज्वैल सागा' नाम से ज्वैलरी ब्रांड चला रही हैं। उन्होंने तीन साल तक ज्वैलरी डिजाइनिंग का प्रोफेशनल कोर्स किया था, जिसके बाद मुंबई में ट्रेनिंग कर अपना खुद का ज्वैलरी ब्रांड शुरू किया। फाइन ज्वैलरी डिजाइन करने वाली सोनल बताती हैं कि आज उनकी डिजाइन की हुई ज्वैलरी 'लैक्मे फैशन वीक' जैसे बढ़े फैशन शोज में मॉडल्स पहनती हैं। सोनम कपूर, जाह्नवी कपूर, तारा सुतारिया और राधिका आप्टे जैसी बड़ी बॉलीवुड एक्ट्रेस उनकी ज्वैलरी की मॉडलिंग करती हैं।
पहले पुरुषों का रहता था राज, आज महिलाएं बन रहीं बराबर की हिस्सेदार
जयपुर ज्वैलरी शो में करीब 12 साल से एग्जीबीशन लगा रहीं सोनल बताती हैं कि जब से सोशल मीडिया का दायरा बढ़ा है महिलाओं के लिए कई रास्ते खुले हैं। आज वह अपने घर रहकर भी दुनिया के किसी भी कोने तक अपना काम पहुंचा सकती है। यही कारण है कि पिछले 6 से 7 साल में जयपुर की सबसे ज्यादा महिलाएं ज्वैलरी डिजाइनिंग और बिजनेस में आगे आ रही हैं। इसमें सोशल मीडिया से यंग लड़कियों को काफी फायदा मिल रहा है। वह अपनी पढ़ाई के साथ भी पैशन को फॉलो कर रही हैं।
यहां तक कि जिन परिवारों में ज्वैलरी मेकिंग का काम पुश्तैनी चल रहा था, अब उन्होंने अपने बिजनेस घर की बेटियों को सौंप दिए हैं। यह विश्वास बीते कुछ साल में ही देखने को मिला है। सोनल का कहना है कि करीब 10 साल पहले तक जयपुर ज्वैलरी शो में भी कम लड़कियां दिखाई देती थीं, लेकिन आज वह खुद भी एग्जीबीशन लगाती हैं और बिजनेस सेटअप करती हैं। जो महिलाएं आंत्रप्रेन्योर नहीं हैं, वे भी अपने परिवार और पति के साथ बिजनेस डील्स में बराबर हिस्सा लेती हैं, सिर्फ साइड रोल नहीं प्ले करती।
शुरुआत में लोग पूछते थे आपका शोरूम कहां है? बिजनेस कैसे चलाती हैं?
एक महिला आंत्रप्रेन्योर को कई तरह की परेशानियों से भी गुजरना पड़ता है। सोनल अपने शुरुआती दिन याद करते हुए कहती हैं कि पहले लोग जल्द भरोसा नहीं करते थे। अक्सर जब हम कहीं एग्जीबीशन लगाते थे, लोग मुझसे यह सवाल पूछते कि आपका शोरूम कहां है? आप कैसे बिजनेस डील करती हैं? इसके पीछे एक वजह यह होती थी कि यह पुरुषों से भरी इंडस्ट्री थी और दूसरा यहां बड़े ब्रांड्स के नाम पर ज्यादा भरोसा किया जाता था, जो 100-150 साल से चल रहे होते थे। क्योंकि मैं खुद ज्वैलरी डिजाइनर थी और अपने कारीगर से खुद काम करवाती थी इसलिए मुझे अपने काम की जानकारी पूरी डीटेल में है, यह कॉन्फिडेंस हमारे क्लाइंट्स को भी दिखाई देता था और धीरे-धीरे लोगों ने इस तरह के सवाल करना बंद कर दिया।
आज का आलम यह है कि जैसे ही हम वैडिंग कलेक्शन लॉन्च करते हैं, देश ही नहीं बल्कि विदेश में बैठे भारतीय कपल्स के लिए ऑर्डर्स बुक हो जाते हैं। लोग सबसे ज्यादा राजस्थान का वैडिंग कलैक्शन पसंद करते हैं।
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