महिलाओं की 100 मीटर बाधा दौड़ में भारतीय एथलीट ज्योति याराजी ने एक बार फिर नेशनल रिकॉर्ड तोड़ दिया। पिछले 16 दिनों में यह तीसरी बार है, जब उन्होंने यह रिकॉर्ड तोड़ा है। इस बार नीदरलैंड्स के वुगट शहर में चल रहे 'डी हैरी शल्टिंग गेम्स 2022' में ज्योति ने यह उपलब्धि हासिल की है।
अपने रिकॉर्ड 13.23 सेकेंड से 13.04 सेकंड पर आईं ज्योति
आंध्र प्रदेश की 22 वर्षीय ज्योति ने 100 मीटर की यह बाधा दौड़ पूरी करने में 13.04 सेकंड का समय लिया। यह उनके पिछले नेशनल रिकॉर्ड 13.11 सेकंड से बेहतर रहा।
ज्योति ने पिछला नेशनल रिकॉर्ड यूके के लोगबोरो में हुई इंटरनेशनल एथलेटिक्स मीट में जीत दर्ज करते हुए बनाया था। इससे पहले उन्होंने 10 मई को लिमासोल में साइप्रस इंटरनेशनल मीट के दौरान 13.23 सेकेंड का रिकॉर्ड बनाया था।
बेहद सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाली एथलीट
ज्योति याराजी के पिता सूर्य नारायण निजी सुरक्षा गार्ड हैं जबकि उनकी मां कुमारी लोगों के घरेलू कार्य करती हैं। एक इंटरव्यू के दौरान ज्योति ने अपनी मां के बारे में बताते हुए कहा था कि मेरी मां मुझे हमेशा एथलेटिक्स के लिए प्रोत्साहित करती थीं। ज्योति आगे कहती हैं, 'इस खेल में आने पर मेरा सपना नेशनल रिकॉर्ड कायम करना था। अब मैं चाहती हूं कि मैं कॉमनवेल्थ गेम्स और वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करूं।'
20 साल का रिकॉर्ड भी तोड़ डाला
हाल ही में ज्योति ने साइप्रस में हुई इंटरनेशनल एथलेटिक्स मीट में 20 साल पहले बने रिकॉर्ड को तोड़कर गोल्ड मेडल जीता। यह रिकॉर्ड अनुराधा बिस्वाल ने 13.38 सेकेंड में साल 2002 में बनाया था।
कभी हवा बनी बाधा, कभी टेस्ट नहीं हुआ
ज्योति ने पिछले महीने कोझिकोड में फेडरेशन कप में भी 13.09 सेकेंड का समय लिया था, लेकिन तब हवा समय रिकॉर्ड करने के लिए वैध सीमा से अधिक तेज चल रही थी, इसलिए उनका समय रिकॉर्ड नहीं किया गया और इसे राष्ट्रीय रिकॉर्ड नहीं माना गया। उस समय हवा की गति प्लस 2.1 मीटर प्रति सेकेंड थी जो प्लस दो मीटर प्रति सेकेंड की स्वीकृत सीमा से अधिक थी।
ज्योति ने 2020 में भी कर्नाटक के मूदबिदरी में अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय चैंपियनशिप में बिस्वाल के राष्ट्रीय रिकॉर्ड से बेहतर प्रदर्शन करते हुए 13.03 सेकेंड का समय लिया था, लेकिन तब भी इसे राष्ट्रीय रिकॉर्ड नहीं माना गया क्योंकि प्रतियोगिता के दौरान राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी ने उनका परीक्षण नहीं किया और साथ ही वहां भारतीय एथलेटिक्स महासंघ का तकनीकी प्रतिनिधि भी मौजूद नहीं था।
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