महाराष्ट्र से गैंगरेप की डरावनी खबरें सामने आ रही हैं। पुणे के बाद ठाणे में नाबालिग से गैंगरेप का मामला चौंकाने वाला है। ठाणे में आठ महीने के दौरान 30 लोगों ने 14 साल की नाबालिग से अलग-अलग जगहों पर बलात्कार किया। इसमें अब तक 26 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। रिपोर्ट के मुताबिक बच्ची के साथ 8 महीने पहले प्रेमी ने बलात्कार किया। इस दौरान आरोपी प्रेमी ने रेप का वीडियो बनाया। इसी वीडियो को वायरल करने का डर दिखाकर अन्य आरोपियों ने भी बच्ची को प्रताड़ित किया। मामले की जांच के लिए विशेष पुलिस दल का गठन कर अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।
पुणे में भी आया था नाबालिग से गैंगरेप का मामला
ठाणे की तरह ही पुणे में कोई 20 दिन पहले 14 साल की नाबालिग के साथ आरोपियों ने पांच अलग-अलग जगह ले जाकर उसके साथ गैंगरेप किया था। पुणे पुलिस ने इस मामले में 14 लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें 11 ऑटो ड्राइवर और रेलवे के दो कर्मचारी शामिल थे। गिरफ्तार आरोपियों में एक पीड़िता का दोस्त भी शामिल था। इसी तरह मुंबई के साकीनाका में महिला से जघन्य रेप का मामला सामने आया था। हालांकि इस मामले पर महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ पार्टी शिवसेना का कहना था कि साकीनाका की घटना झकझोर देने वाली है लेकिन मुंबई सबसे सुरक्षित शहर है और किसी को इसे लेकर संदेह नहीं होना चाहिए। शिवसेना ने पार्टी मुखपत्र 'सामना' में कहा कि महाराष्ट्र में महिलाओं के खिलाफ हालिया घटनाएं राज्य की संस्कृति पर एक धब्बा है।
महिला सुरक्षा के मामले में नेताओं की जुबाजी जंग जारी
इस मसले पर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी आमने-सामने आ गए। दोनों के बीच लेटर वॉर भी चला। साकीनाका रेप की घटना के बाद राज्यपाल ने सीएम से विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाने को लेकर पत्र लिखा। इसके जवाब में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने पत्र में कहा कि राज्यपाल को बीजेपी शासित राज्यों में महिलाओं की सुरक्षा और उन पर बढ़ते हमलों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए संसद का 4 दिनों का सत्र बुलाने के लिए केंद्र से अनुरोध करना चाहिए। राज्यपाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को इसके लिए पत्र लिखें।
एनसीआरबी के आंकड़े भी उठाते हैं मुंबई पर सवाल
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई में प्रति लाख आबादी पर क्राइम रेट 272.4 दर्ज किया गया। वहीं प्रति एक लाख जनसंख्या पर अपराध दर 110 से कम होने और बलात्कार और हत्या जैसे गंभीर अपराधों की सबसे कम संख्या दर्ज करने के साथ कोलकाता को देश के महानगरीय शहरों में से सबसे सुरक्षित माना गया है। दिल्ली में प्रति लाख जनसंख्या पर 1,506.9 क्राइम रेट के साथ सबसे अधिक संज्ञेय अपराध दर्ज किए गए। चेन्नई में 1,016.4 की दर से केस दर्ज हुए। वहीं बेंगलुरु में 234.9 की दर केस दर्ज कए गए।
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