मोबाइल फोन के बिना जिंदगी सोचना अब नामुमकिन है। सुबह जागने से लेकर रात को सोने तक यह हमारे साथ रहता है। लेकिन क्या आपको पता है कि इसे शर्ट या जींस की पॉकेट में रखना बेहद खतरनाक है। वहीं, इसका ज्यादा इस्तेमाल आपके अंगूठे और उंगलियों को सुन्न कर सकता है।
फोन की घंटी बढ़ा देती है बीपी
फोन का रेगुलर इस्तेमाल करने वाले लोगों में 1 मिनट की कॉल, उनकी हृदय गति को बढ़ा देती है। इन लोगों का ब्लड कॉलेस्ट्रॉल लेवल भी ज्यादा रहता है। अमेरिकन सोसाइटी ऑफ हाइपरटेंशन की स्टडी में सामने आया था कि फोन की रिंग ब्लड प्रेशर को बढ़ा देती है। वहीं, अगर कोई व्यक्ति फोन कॉल उठाता है तो उसका ब्लड प्रेशर 121/77 से 129/82 तक पहुंच सकता है।
पेसमेकर लगा है तो शर्ट की पॉकेट में ना रखें फोन
शर्ट की जेब छाती के पास होती है। अगर आपको दिल की बीमारी है और पेसमेकर लगा हुआ है तो इस पॉकेट में मोबाइल या ईयरफोन चार्जिंग केस रखना जानलेवा साबित हो सकता है। एक स्टडी में पाया गया कि आईफोन के नए मॉडल और एयरपॉड्स हेडफोन चार्जिंग केस में चुंबक होती है जो पेसमेकर को प्रभावित करती है। यह स्टडी बेसल विश्वविद्यालय और यूनिवर्सिटी ऑफ एप्लाइड साइंसेज एंड आर्ट्स नॉर्थवेस्टर्न के स्विस वैज्ञानिकों ने की।
दिल्ली स्थित सर गंगाराम हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर बी.एस. विवेक ने बताया कि एक सामान्य व्यक्ति के लिए शर्ट में रखा मोबाइल हानिकारक नहीं है। लेकिन हम पेसमेकर लगे मरीजों को कहते हैं कि वह इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड से बचें। हम पेसमेकर को 60 बीट पर मिनट सेट करते हैं। अगर यह इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड में आए तो यह काम करना बंद कर सकता है। जो मरीज इस पर पूरी तरह निर्भर है उनके लिए यह ज्यादा खतरनाक है।
मोबाइल की रेडिएशन दे सकती है भूलने की बिमारी
बुखारेस्ट में ब्यू यूरोप रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पोनेन्ट ने अपनी स्टडी में पाया कि मोबाइल फोन से निकलने वाली रेडिएशन से रेड ब्लड सेल से हीमोग्लोबिन का रिसाव होने लगता है। इससे दिल के रोग और किडनी में पथरी हो सकती है।
वहीं, इसके रेडिएशन दिमाग में प्रोटीन और विषाक्त पदार्थों का रिसाव कर सकते हैं। इससे अल्जाइमर और मल्टीपल स्केलेरोसिस जैसी बीमारी हो सकती है।
कार्पल टनल सिंड्रोम भी हो सकता है
मोबाइल का इस्तेमाल अंगूठे और अंगुलियों को बिजी रखता है। इससे क्यूबिटल टनल सिंड्रोम भी हो सकता है। दरअसल मोबाइल यूज करते समय कोहनियां बार-बार मुड़ती है। इस प्रभाव कोशिकाओं पर पड़ता है। इससे हाथ सुन पड़ जाते हैं या उन्हें मोड़ना मुश्किल हो जाता है। चीजों को पकड़ने में भी परेशानी होने लगती है।
पापा बनने में हो सकती है दिक्कत
क्लीवलैंड क्लिनिक फाउंडेशन ऑफ ओहियो, अमेरिका की स्टडी में कहा गया कि अगर कोई पुरुष अपना मोबाइल फोन रोजाना 4 घंटे पेंट की जेब में रखता है तो उसका प्रभाव स्पर्म पर पड़ता है। इसका इस्तेमाल सीमन की क्वालिटी को घटाता है जिससे स्पर्म काउंट कम होते हैं और कमजोर पड़ जाते है।
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