गुजरात के वडोदरा में एक महिला खुद से शादी करने वाली है। इस शादी में उनके साथ फेरे लेने के लिए कोई दूल्हा नहीं होगा। यह भारत का पहला मामला है जहां कोई सोलो वेडिंग कर रही है। इससे पहले जापान में ज्यादातर लड़कियों ने सोलो वेडिंग को अपनाया है। आज के समय में सिर्फ जापान ही नहीं बल्कि इटली, ऑस्ट्रेलिया, ताइवान, अमेरिका और यूके में भी बहुत तेजी से इस ट्रेंड को अपनाया जा रहा है।
शादी में लेने के लिए खुद से लिखी पांच कसमें
गुजरात की 24 वर्षीय क्षमा बिंदु ने अपने लिए लहंगा और गहने भी खरीदे है। इसके साथ ही उसने दुल्हन की तरह सजने कि लिए पार्लर भी बुक कराया है अपनी शादी के लिए क्षमा ने गोत्री का मंदिर चुना है और शादी में लेने के लिए खुद से पांच कसमें लिखी हैं। उन्होंने कहा कि सेल्फ मैरिज खुद के लिए प्यार दिखाने का तरीका है। मैं खुद से प्यार करती हूं और इसलिए ये शादी कर रही हूं।
पिछले साल ब्रिटेन की एक लड़की ने की थी खुद से शादी
पिछले साल ऑस्ट्रेलिया में भी पेट्रीसिया क्रिस्टीन नाम की लड़की ने खुद से शादी रचाई थी। ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में रहने वाली 28 वर्षीय पैट्रीसिया पेश से टीचर है। 8 साल पहले उसकी सगाई टूट गई थी। ऐसे में दुखी होने के बजाय उसने आगे बढ़ने का फैसला लिया और खुद की फेवरेट बनकर जिंदगी बिताने का ऐलान किया।
क्या है सोलोगामी
कोई भी इंसान जब खुद से प्यार करता है और जब खुद से ही शादी करने का फैसला लेता है तो उसे सोलोगामी या ऑटोगामी कहा जाता है। सोलोगामी के समर्थकों का तर्क है कि खुद से शादी करके खुद की अहमियत की पुष्टि करना है। यह एक खुशहाल जीवन की ओर ले जाता है। इसे स्व विवाह भी कहते हैं।
कंपनियां कराती हैं सोलो वेडिंग
जापान में ज्यादातर लड़कियां सोलो वेडिंग को अपना रही हैं। राजधानी क्योटो में 2014 में सेरेका ट्रैवल नामक कंपनी ने लड़कियों के लिए शानदार सोलो वेडिंग पैकेज जारी किए थे। जिसमें वह सभी सर्विस शामिल करते हैं ताकि दुल्हन को अपना स्पेशल डे हमेशा याद रहे।
2 लाख रुपए आता है खर्च
सोलो वेडिंग पैकेज में दो दिन के लिए दुल्हन होटल में रहती है। उनकी ड्रेस फिटिंग कराई जाती है, बैंकेट हॉल को डिजाइन किया जाता है। दुल्हन के बाल संवारे जाते हैं, मेकअप किया जाता है। इसके बाद पूरा फोटो शूट कराया जाता है, शादी की एल्बम भी तैयार करके दी जाती है। खाना सर्व किया जाता है, मेहमान बुलाए जाते हैं। सभी काम एक्सपर्ट ही करते हैं, यह पूरी तरह से एक रीयल वेडिंग ही होती है बस इसमें दूल्हा नहीं होता।
शादी के लिए लड़कियों की डिमांड अलग-अलग
सोलो वेडिंग के लिए बजट भी महिलाओं की पसंद के अनुसार तय होता है। जितनी आलीशान वेडिंग, उसका उतना ही बड़ा पैकेज। दुल्हनों की भी तरह-तरह की फरमाइश होती है। किसी को तीन लेयर का वेडिंग केक चाहिए होता है, तो कुछ महिलाएं अपने वेडिंग फोटो शूट में सुंदर यंग लड़कों को भी फ्रेम में शामिल करवाती हैं। जापान की इवेंट कंपनी के मुताबिक सबसे सस्ती सोलो वेडिंग 3 लाख येन यानी करीब 1.86 से 2 लाख रुपए में आयोजित हो जाती है। 2019 से पहले ट्रैवल एजेंसी जापान की 130 से ज्यादा महिलाओं की सोलो वेडिंग आयोजित करवा चुका है।
सोलो वेडिंग करने का सबका अपना अलग कारण
जापानी इवेंट कंपनी सेरेका ट्रैवल के मुताबिक उनके पास सोलो वेडिंग इवेंट के लिए आने वाली लड़कियों में से आधी लड़कियों की शादी पहले हो चुकी होती है। या तो वह तलाक ले चुकी होती हैं या फिर पहले किसी रिश्ते में धोखा खा चुकी होती हैं। जिसके बाद वह सोलो मैरिज करती हैं। कुछ ऐसी भी महिलाएं आती हैं जिन्हें अपनी पहली वेडिंग सेरेमनी से संतुष्टि नहीं होती, इसलिए वह इसे दोहराना चाहती हैं। 20 से 30 साल की उम्र की यंग महिलाएं इंस्टाग्राम पोस्ट के लिए भी सुंदर गाउन और जापानी ट्रेडिशनल ड्रेस किमोनो पहनकर सोलो वेडिंग शूट करवाती हैं।
भारत में 25 करोड़ सिंगल महिलाएं, हर 10 साल में बढ़ रही संख्या
भारत में आज के समय में 2,596 लाख महिलाएं सिंगल हैं। 2021 जनगणना के मुताबिक 2,230 लाख महिलाएं ऐसी हैं जिन्होंने कभी शादी ही नहीं की। भारत की जनगणना 2011 को देखा जाए तो भारत में 714 लाख महिलाएं सिंगल थी। जबकि 2001 में सिंगल लड़कियों की संख्या 512 लाख रही। इसमें भी 23% सिंगल लड़कियां 20 से 24 साल की उम्र की हैं।
सेल्फ लव के लिए कर रहीं सोलो मैरिज
सोलो मैरिज करने वाली लड़कियों में से किसी को बचपन से दुल्हन बनने का सपना पूरा करना जरूरी था, तो किसी के लिए वह खुद की ही फेवरेट थी। यानी उन्हें जीवन में किसी के भी साथ रहना पसंद नहीं है, इसलिए वह सोलो मैरिज का रास्ता अपना रही हैं।
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