केरल हाईकोर्ट में बुधवार, यानी 18 मई को न्यायमूर्ति शोबा अन्नम्मा ईपेन ने महिला जज के तौर पर शपथ ली। इसी के साथ दक्षिण भारत के इस हाई कोर्ट में 7 महिला न्यायधीश हो गई हैं।
एडिशनल जज ईपेन को केरल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एस. माणिकुमार ने शपथ दिलाई।
ये हैं केरल हाईकोर्ट में महिला जज
इन महिला जजों की एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई। हालांकि देश भर की अदालतों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व काफी कम है। खासकर संवैधानिक अदालतों में पीठासीन भूमिका बहुत कम है।
रचा गया इतिहास
केरल हाईकोर्ट में ऐसा पहली बार हुआ है जब एक ही समय में 7 महिला न्यायाधीश का रिकॉर्ड बना। हाईकोर्ट में अब कुल 38 जज हैं।
हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज केरल से ही
जस्टिस अन्ना चांडी भारत में हाईकोर्ट की पहली महिला न्यायाधीश थीं और वे केरल से थीं। साथ ही सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज जस्टिस एम. फातिमा बीवी भी केरल की रहने वाली थीं।
साल 2027 में बनेंगी पहली महिला मुख्य न्यायाधीश
फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में जज जस्टिस बीवी नागरत्ना वरिष्ठता के आधार पर 2027 में भारत की चीफ जस्टिस बन सकती हैं। हालांकि, उनका कार्यकाल केवल 36 दिनों का ही होगा। यानी देश को अपनी पहली महिला CJI की नियुक्ति के लिए 2027 तक इंतजार करना होगा।
जस्टिस बीवी नागरत्ना को फरवरी 2008 में कर्नाटक हाईकोर्ट की एडिशनल जज और फिर फरवरी 2010 में परमानेंट जस्टिस के तौर पर नियुक्त किया गया था। जस्टिस नागरत्ना के पिता भी 1989 में सुप्रीम कोर्ट के 19वें चीफ जस्टिस रह चुके हैं।
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