बैंकॉक में रहने वाले एक 72 साल के शख्स ने 21 साल बाद अपनी पत्नी का अंतिम संस्कार किया। इतने साल तक वो पत्नी के शव के साथ रह रहा था। शख्स ने जब 21 साल पहले अपनी पत्नी को खोया, तब उसके लिए इस सदमे को मन पाना काफी मुश्किल हो गया। उसने पत्नी का अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया और उसकी बॉडी के साथ रहने लगा। लोगों ने उसे काफी समझाया लेकिन उसने किसी की बात नहीं मानी।
पब्लिक हेल्थ मिनिस्ट्री में काम करती थी पत्नी
72 साल के चरण जणवाचकल की पत्नी की मौत 2001 में हो गई थी। उसकी पत्नी पब्लिक हेल्थ मिनिस्ट्री में काम करती थी। पत्नी की मौत के बाद चरन ने उसकी बॉडी को अपने घर में स्टोरेज रूम में एक कॉफिन के अंदर रखा हुआ था। वे रहते हैं कि अपनी पत्नी से बहुत प्यार करे हैं और उससे अलग नहीं रहना चाहते। इसलिए उसने अपनी पत्नी की डेड बॉडी को दफनाने की जगह उसे घर पर ही रखा हुआ था।
भारी मन से कहा अलविदा
चरन ने इस साल 30 अप्रैल को अपनी पत्नी की बॉडी को दफना दिया। उसने फेट कसम बैंकाक फाउंडेशन के साथ मिलकर पत्नी का अंतिम संस्कार किया। इस दौरान वह काफी रोता हुआ दिखाई दिया। उन अपनी पत्नी को बंग खेन डिस्ट्रिक्ट में दफनाया। अपनी पत्नी की बॉडी से बात करने हुए चरन उसे जल्द लौटा कर ले आने का वादा करता नजर आया। लोग अपनी पत्नी के शव के साथ 21 साल रहने वाले इस पति को ऐसे रोते देख हैरान थे। चरन अपनी पत्नी की बॉडी के साथ बातें करता था और उसके साथ इस तरह से रहता था जैसे वो जिन्दा हो। चरण के दो बेटे हैं, लेकिन जब वह अपने पिता को मां की मौत के सदमे से बाहर नहीं निकाल पाए तो छोड़ कर चले गए।
2001 में हुई थी पत्नी की मौत
चरण के खिलाफ शव को छिपाने की कोई कार्रवाई नहीं की गई है, क्योंकि उसने अपनी पत्नी की मौत को रिपोर्ट किया था, लेकिन वह उसे जिंदा मान कर उसके साथ रह रहा था। फाउंडेशन के अधिकारियों ने उसे मृत्यु प्रमाण पत्र की एक कॉपी दिलाई, जिसके मुताबिक महिला की मौत 2001 में हुई थी।
अपने मरने के डर से पत्नी के बारे में बताया
हाल ही में चरण का एक मोटरसाइकिल से एक्सीडेंट हो गया था। वे काफी घायल हो गए थे। उनकी देखरेख के लिए पिछले दो महीने से फाउंडेशन का एक प्रतिनिधि उनसे मिल रहा था और उन्हें खाना दे रहा था। वह लगातार घर आ रहा था, लेकिन उसने कभी ताबूत पर गौर नहीं किया। इसके बाद चरण ही फाउंडेशन के अधिकारियों के पास पहुंचा और बताया कि उसकी पत्नी का शव उसके घर में है, जिसका अंतिम संस्कार कराया जाए। चरण को डर था कि अगर वह मर गया तो उसकी पत्नी का अंतिम संस्कार सही से नहीं हो पाएगा।
पत्नी की मौत के बाद से हुआ अकेला
एक स्थानीय वकील Nitithorn Kaewto ने उनसे संपर्क किया और उनका इंटरव्यू लिया। वकील ने बताया कि बुजुर्ग शख्स काफी पढे-लिखे है और उनके पास कई मेडिकल डिग्री है। वो कभी रॉयल थाई आर्मी में मेडिकल ऑफिसर थे। लेकिन पत्नी की मृत्यु के बाद वो बेहद साधारण जीवन व्यतीत कर रहे हैं। उनके घर में ना तो लाइट है और ना ही ढंग का बिस्तर। पत्नी का अंतिम संस्कार करने के बाद उन्हें कई सारी सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। बीते बीस सालों से उसे ज्यादातर अपने पालतू बिल्ली और कुत्ते के साथ समय बिताते देखा गया था। वो जिस घर में रहता है वहां ना बिजली है ना पानी। पानी के लिए वो पड़ोसी के घर पर निर्भर करता है।
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