आने वाली 10 फरवरी से देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव शुरू होने जा रहे हैं और इसके लिए सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। इस बार बीजेपी, कांग्रेस, सपा, बसपा सहित तमाम दल महिला नेताओं पर बड़ा दांव खेलते नजर आ रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की कमान संभाल रहीं प्रियंका गांधी ने इस बार चुनाव में 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' का नारा दिया है। जिसके बाद से बाकी विरोधी पार्टी भी अब महिला उम्मीदवारों को अपनी लिस्ट में आगे ला रही हैं। वहीं, रूलिंग पार्टी बीजेपी ने अपनी पहली लिस्ट में 10% महिला नेताओं को टिकट दी है। सपा पहले से मजबूत महिला नेताओं को आगे बढ़ा रही है और बड़ी जिम्मेदारियां दे रही है, तो बसपा में महिला लीडर होने के बाद भी ग्राउंड पर महिला उम्मीदवार न के बराबर हैं।
भास्कर वुमन की रिपोर्ट में पढ़िए कि इस बार किन-किन दमदार महिलाओं को मौका दे रही हैं राजनीतिक पार्टियां। आखिर, इन महिला नेताओं में ऐसा क्या है खास जो इतना भरोसा जता रहे हैं राजनीतिक दल।
1 - पंखुड़ी पाठक - कांग्रेस पार्टी
विधानसभा चुनाव में 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' का नारा देकर चुनावी मैदान में उतरी कांग्रेस पार्टी ने उम्मीदवारों की सूची घोषित कर दी है। इनमें 50 महिलाओं को टिकट दिया गया है। 2022 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने नोएडा विधानसभा सीट से पंखुड़ी पाठक को टिकट दिया है। इस चुनाव में उनकी टक्कर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह से होगी।
अब आपको बता दें कि असल में पंखुड़ी पाठक हैं कौन। पंखुड़ी इस समय उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की सोशल मीडिया टीम की वाइस चेयरमैन हैं। यह 2010 में समाजवादी पार्टी से जुड़ी हुई छात्र नेता रही हैं, इन्हें चुनाव जीतने पर ज्वॉइंट सेक्रेटरी बनाया गया था। अखिलेश यादव के साथ क्रांति रथ यात्रा में सक्रिय रहीं थी। इस कारण अखिलेश यादव और डिंपल यादव इनसे काफी प्रभावित रहे। विवादों में रहने के बाद समाजवादी पार्टी छोड़ दी और कांग्रेस पार्टी ज्वॉइन की। 2019 में सपा नेता और पूर्व प्रवक्ता अनिल यादव से शादी की। यह अनिल यादव की दूसरी शादी है। इतना ही नहीं 2021 में अनिल यादव ने पार्टी में पंखुड़ी का अपमान होने पर समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।
2 - रिचा सिंह - समाजवादी पार्टी
पश्चिमी विधानसभा प्रयागराज सीट से 2017 में चुनाव लड़कर दूसरे स्थान पर रहीं रिचा सिंह इस साल भी समाजवादी पार्टी की मजबूत उम्मीदवार बनकर उभर रही हैं। हालांकि अभी पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं की है, लेकिन समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता रिचा को पहले से ही प्रयागराज के शहरी पश्चिमी विधानसभा सीट की कमान सौंप दी गई है।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय की छात्रसंघ अध्यक्षा रहीं रिचा उसी समय सुर्खियों में आ गई थी जब उन्होंने आज के मुख्यमंत्री और उस समय बीजेपी सांसद रहे योगी आदित्यनाथ को विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में भाग लेने से रोक दिया था। साल 2020 में विश्वविद्यालय में अफवाह फैलाने के आरोप में रिचा और चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। साल 2021 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के इलाहाबाद दौरे से पहले सपा नेता रिचा को हाउस अरेस्ट तक कर लिया गया था।
3 - सदफ जफर - कांग्रेस
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नागरिकता संशोधन कानून (सीएए - एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए जेल जा चुकी सदफ जफर को इस बार कांग्रेस पार्टी ने चुनावी मैदान में उतारा है। सदफ को महिला कोटे से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ सेंट्रल सीट की टिकट मिली है।
बता दें कि दिसंबर 2019 में एनआरसी का विरोध करते हुए सदफ ने काले झंडे दिखाए थे। विरोध प्रदर्शन के दौरान यूपी पुलिस ने सदफ को गिरफ्तार कर लिया था। उन्हें दंगा फैलाने और हत्या के प्रयास के आरोप में एफआईआर होने के बाद वह जमानत पर बाहर हैं और अब चुनाव लड़ रही हैं। इतना ही नहीं सदफ से वसूली करने के लिए उनके जगह-जगह पोस्टर भी लगाए गए थे। इसमें उनकी तस्वीर और घर का पता भी लिखा हुआ था।
सदफ ने बाद में ये भी आरोप लगाए कि उन्हें पुलिसवालों ने बाल खींचकर पीटा था और पुलिस स्टेशन में काफी पिटाई हुई। सोशल मीडिया और तमाम जगाहों पर उन्हें पाकिस्तानी का टैग दिया गया। विवादों में रहीं सदफ असल में एक एक्ट्रेस और सोशल एक्टिविस्ट भी रही हैं। वह निदेशक मीरा नायर की सीरीज 'द सुटेबल बॉय' में एक्टिंग कर चुकी हैं।
4 - पक्षालिका सिंह - भाजपा
भारतीय जनता पार्टी ने यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए जारी उम्मीदवारों की पहली सूची में सिर्फ 10 फीसद महिलाओं को टिकट दिए हैं। पार्टी ने बाह विधानसभा सीट से रानी पक्षालिका सिंह को उम्मीदवार बनाया है।
रानी पक्षालिका यूपी की सबसे अमीर MLA में से एक हैं। वह समाजवादी सरकार में मंत्री रहे राजा अरिदमन सिंह की पत्नी हैं। परिवार पहले सपा से जुड़ा हुआ था लेकिन 2017 में उन्होंने BJP जॉइन की थी। चुनाव आयोग में दायर हलफनामे में बताया गया है कि उनके पास करीब 58 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति है।
पक्षालिका का संबंध चंबल के बीहड़ में पड़ने वाली भदावर रियासत से है। उनको बीहड़ की रानी भी कहा जाता है। 2017 में पहली बार विधायक बनी थी, हालांकि 2012 में भी यूपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी से लड़ी थीं लेकिन जीत नहीं सकीं।
5 - रजिया खान - बसपा
बहुजन समाज पार्टी ने इस बार मुस्लिम वोट बैंक बटोरने के लिए नया दांव खेला है। हालांकि प्रदेशभर में महिला नेताओं को न के बराबर ही टिकट मिला है, लेकिन रजिया खान इसमें जगह बनाने में कामयाब रही हैं। वह इस बार अलीगढ़ शहर की विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं।
लंबे समय से बसपा से जुड़ी रजिया ने पिछले चुनाव में भी टिकट के लिए दावेदारी की थी। उन्होंने 2012 में मेयर का चुनाव लड़ा था लेकिन जीत हासिल नहीं कर पाईं। उनके पति इरफान रहम अली पेशे से बिल्डर हैं।
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