बॉलीवुड अभिनेत्री आलिया भट्ट की फिल्म 'गंगूबाई काठियावाडी' का बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में ग्रैंड प्रीमियर हुआ। प्रीमियर के दौरान आलिया सफेद साड़ी पहनकर पहुंची तो देखने वालों की नजरें उन पर ठहर गईं। यहां मंच पर आलिया भट्ट ने फिल्म में अपने किरदार को लेकर अनुभव साझा किए।
आलिया ने बताया कि गंगूबाई काठियावाडी की रौबदार आवाज की पर्दे पर धाक छोड़ने के लिए उन्होंने कई महीनों तक प्रैक्टिस की। घर में भी गंगूबाई की तरह की बात करती थीं। फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली चाहते थे कि मैं मेरी आवाज में बेस लेकर आऊं क्योंकि जब मैं बात करती हूं, तब मेरी आवाज बच्चों जैसी लगती है। इसके लिए कई दिनों तक मेहनत की।
फिल्म की कहानी सुन भाग गईं थी आलिया
इस फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली ने बताया कि जब आलिया को पहली बार इस फिल्म की कहानी सुनाई और गंगूबाई काठियावाड़ी के किरदार के बारे में बताया तो वह मेरे ऑफिस से अपना बैग लेकर भाग गई थी। उस वक्त मुझे लगा कि कोई एक्ट्रेस इस फिल्म के लिए खोजनी पड़ेगी। फिर अगले दिन आलिया का फोन आया और उन्होंने कहा कि आपसे मिलना चाहती हूं और उसके बाद फिल्म करने के लिए हां कहा।
शूटिंग के दौरान कांपने लगी थी आलिया
आलिया भट्ट ने खुलासा किया, ''मुझे अच्छे से याद है कि फिल्म की शूटिंग के दौरान एक वक्त ऐसा आया था, जब मैं पूरी तरह से कांपने लगी थी। मेरा पूरा शरीर कांपने लगा था।संजय लीला भंसाली के साथ एक लंबी बातचीत के बाद प्रदर्शन में ऐसा निखरकर आया है।''
भंसाली ने बताया कि जहां गंगूबाई रहती थीं, वहां सिर्फ दो लेन की दूरी पर मैं पैदा हुआ था। मैंने अपना बचपन उस इलाके गुजरते हुए बिताया। जब मैंने सेक्स वर्कर से महिलाओं के हक लड़ाई लड़ने वाली गंगूबाई पर लिखी गई किताब 'माफिया क्वींस ऑफ मुंबई' पढ़ी तो मैं हिल गया। एक फिर मैं लेडी डॉन की गलियों में पहुंच गया।
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