एक ब्रिटिश परिवार ने चार दशकों से अपने घर में एक ऐसी बेशकीमती चीज सहेजकर रखी थी कि जिसकी कीमत का उसे कई वर्षों तक अंदाजा ही नहीं था। वो चीज न ही हीरे जवाहरात से जड़ी है और न ही उसे सोने-चांदी से बनाया गया है, बल्कि चीनी मट्टी से बना यह एक चीनी फूलदान है जो 18वीं सदी का एक दुर्लभ गुलदस्ता है। ब्रिटेन में हुई नीलामी में इस फूलदान को £1,449,000 यानी 13 करोड़ रुपए में खरीदा गया है।
2 फुट लंबे फूलदान पर लगी चीनी सम्राट की सील
करीब दो फुट लंबे इस फूलदान का बल्ब जैसा आकार है। इसे हरे, नीले, पीले और बैंगनी रंग से रंगा गया है। संरक्षित चीनी मिट्टी से बने इस फूलदान के बेस पर चीनी सम्राट कियानलांग का छह कैरेक्टर वाला सील मार्क देखा गया है। कियानलांग सम्राट ने सितंबर 1711 से लेकर 7 फरवरी 1799 तक चीन पर राज किया था। यह मंचू के नेतृत्व वाले किंग राजवंश का छठा सम्राट था। विशेषज्ञों की माने तो यह फूलदान संभवता 18वीं शताब्दी के मध्य काल का है। इसे राजा के पैलेस के हॉल में सजाया गया था। इस फूलदान में सिल्वर और गोल्डन वर्क भी दिखाई दे रहा है।
40 साल पहले 100 पाउंड में खरीदा, अब बन गए करोड़पति
इस फूलदान के मालिक के सर्जन के पिता 1980 के दशक में इसे घर लाए थे, क्योंकि उन्हें यह बेहद आकर्षक लगा। उस समय उन्होंने इसे कुछ 100 पाउंड में इसे सजावटी सामान के तौर पर खरीदा था। कुछ साल अपने पास रखने के बाद उन्होंने इसे अपने बेटे को सौंप दिया। तब उसे भी इसकी असली कीमत का अंदाजा नहीं था। बाद में एक विशेषज्ञ के कहने पर उन्होंने इसकी अहमियत समझ आई। उन्होंने इसकी नीलामी करने का फैसला लिया।
ऑनलाइन नीलामी करते वक्त उन्होंने यह अंदाजा लगाया था कि फूलदान 1,00,000 से 1,50,000 पाउंड के बीच बिक सकता है। इस नीलामी में चाइना, हांगकांग, अमेरिका और UK से कई लोगों ने हिस्सा लिया था। अंत में एक रईस चीनी नागरिक ने इसे अपनी खोई हुई विरासत को वापस हासिल करने के उद्देश्य से खरीदा। यह फूलदान 1.5 मिलियन पाउंड में बिक गया। यहां तक कि आज की तारीख में उनके पास इसकी कोई रसीद भी नहीं है।
किचन के एक कोने में 40 साल तक बेकार पड़ा रहा था खजाना
चीनी फूलदान के मालिक का कहना है कि शुरुआत में किसी को भी इसकी वास्तविक कीमत का अंदाजा नहीं था, इसलिए इसे किचन में ही रख दिया गया। यहां वह कई सालों तक धूल खाता रहा। बाद में एक एक्सपर्ट की सलाह पर उन्होंने इसे बाहर निकाला और डाइनिंग रूम में सजाया।
ड्रूवेट्स में एशियाई सिरेमिक आर्ट के विशेषज्ञ मार्क न्यूस्टेड का कहना है कि वह 1990 के दशक में अपनी पत्नी के साथ लंच के लिए उनके घर पहुंचे थे। उनके किचन में वह फूलदान देखकर हैरान हो गए थे। उन्हें लगा कि यह कुछ बेहतरीन है, लेकिन उसे उठाया नहीं क्योंकि ऐसा करना उन्हें सही नहीं लगा। कुछ साल बाद उन्होंने इसे दोबारा देखा और इस बार काफी ध्यान से देखा, तब उन्हें इस फूलदान की हकीकत का पता लगा।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.