महिला दिवस 2022 के लिए - ब्रेक द बायस का ट्रेंड सोशल मीडिया में छाया हुआ है। इस ट्रेंड के जरिए दुनिया भर की महिलाओं से गैर-बराबरी के खिलाफ खड़े होने की अपील की जा रही है। इसमें अपने कल को बेहतर बनाने के लिए आज महिलाओं को बराबरी देने की बात की गई है। साथ ही ऐसी महिलाओं को पहचानकर उनको आगे बढ़ाने की बात की गई है जो भविष्य को बेहतर बनाने की बात कर रही हैं। 8 मार्च को महिला दिवस के मौके पर यह हैशटैग ट्रेंड करता रहा।
इस बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2022 की थीम ‘जेंडर इक्वैलिटी टुडे फॉर ए सस्टेनेबल टुमॉरो’ यानी एक स्थायी कल के लिए आज लैंगिक समानता है। यह थीम उन लड़कियों और महिलाओं को ध्यान में रखकर है जो कि जलवायु परिवर्तन अडॉप्शन की प्रभारी हैं।
इंटरनेशनल वुमन्सडे डॉट कॉम की तरफ से कहा गया है कि IWD2022 के लिए कैंपेन थीम 'ब्रेक द बायस' दुनियाभर में लिंग समानता को बढ़ावा देने के लिए है।
वेबसाइट इंटरनेशनल वुमंस डे डॉट कॉम ने संयुक्त राष्ट्र की थीम को 'ब्रेक द बायस' के रूप में जाहिर किया और इस थीम के बारे में और जानकारी दी है।
'ब्रेक द बायस' थीम के बारे में और बेहतर ढंग से बताते हुए वेबसाइट पर लिखा गया है कि 'पूर्वाग्रह, रूढ़ियों और भेदभाव से मुक्त दुनिया। एक ऐसी दुनिया जो विविध, न्यायसंगत और समावेशी है। एक ऐसी दुनिया जहां मतभेद को महत्व दिया जाता है और सेलिब्रेट किया जाता है।'
जब एकजुट हुईं महिला मजदूर
यूनेस्को के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (IWD) मनाने को लेकर 20वीं शताब्दी की शुरुआत में चर्चाएं आरंभ हो गई थी। साल 1908 के दौरान, महिला मजदूरों ने काम के घंटे कम करने और पुरुष मजदूरों की तरह समान दर्जा देने लेकर गर्मागरम बहस होने लगी। बाद में जब 15 हजार महिलाओं ने न्यूयॉर्क शहर में रैली निकाली थी जिसकी मांग थी नौकरी के घंटे कम करना, काम के हिसाब से वेतन देना और साथ ही मतदान का भी अधिकार।
इस घटना के ठीक एक साल बाद 1909 में सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने इस दिन को पहला राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित कर दिया। 19 मार्च साल 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्जरलैंड में सबसे पहला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया था।
रूस में ब्रेड एंड बटर के नारे के साथ प्रदर्शन हुए और इसने आंदोलन का रूप ले लिया। यहां पहली बार 23 फरवरी 1913 और 1914 में वुमन डे मनाया गया।
बाद में संयुक्त राष्ट्र ने आधिकारिक तौर पर इस दिवस को मनाने की घोषणा की और यह 8 मार्च को हर साल मनाया जाने लगा।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.