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शाहरुख-कोहली सूट पहन बने जेंटलमैन:फ्रांसीसी क्रांति से आया यह फैशन, जानिए सूट आपको कैसे बनाते हैं खास

नई दिल्ली5 महीने पहलेलेखक: अनिमेष मुखर्जी
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इन दिनों ऑस्ट्रेलिया में टी-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप चल रहा है। बच्चे से लेकर बड़ा, हर कोई इंडिया को वर्ल्ड चैंपियन बनता देखना चाहता है। गली नुक्कड़ से लेकर खेल के मैदान तक हर किसी के हाथ में बल्ला दिख जाएगा। जैसे क्रिकेट हर भारतीय के दिल में बसता है, वैसे ही दिल में क्रिकेटर्स भी बसते हैं।

विराट कोहली के चौके-छक्कों ने जब पाकिस्तान को हराया तो फैंस का दिन बन गया। हाल ही में खेले गए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अभ्यास मैच के क्लाइमैक्स में जब मोहम्मद शमी की मैदान पर एंट्री हुई तो उनकी हैट्रिक पर हर भारतीय गर्व से झूम उठा। क्रिकेटर्स के प्रति फैंस के इस प्यार को बड़े-बड़े ब्रैंड्स भी खूब भुनाते हैं।

यही वजह है कि कई सूटिंग और शर्टिंग ब्रैंड्स के विज्ञापनों में इंडियन क्रिकेटर्स छाए रहते हैं। क्लासी, रॉयल और जेंटलमैन लुक के लिए सूट सबसे बेस्ट ऑप्शन होता है। चलिए, सूट और उसकी स्टाइलिंग पर बात करते हैं और ये भी जानते हैं कि हैंडसम क्रिकेटर्स टेक्सटाइल इंडस्ट्री में किस तरह से धाक जमाते हैं और अपने प्रशंसकों के बीच छा जाते हैं।

फ्रांसीसी क्रांतिकारियों के पैंट पहनने से पड़ी फैशन की नींव

अंग्रेज़ी की एक कहावत है ‘हू विल वेयर द पैंट’। मतलब, रिश्ते में किसकी चलती है या कहें कि असली बॉस कौन है। इस कहावत के पीछे फ्रांस की क्रांति है।

दरअसल, 1789-99 के बीच फ्रांस की क्रांति ने दुनिया भर के लोगों और खासकर के पुरुषों का फैशन सेंस हमेशा के लिए बदल दिया।

फ्रांस की क्रांति से पहले कुलीन पुरुष लेस ऑर फ्रिल लगी लंबी-लंबी रेशमी पोशाकें पहनते थे और पैंट की जगह घुटनों तक लंबे नी-ब्रीचर्स पहनते थे, जिनके साथ सफेद स्टॉकिंग होते। फ्रांसीसी क्रांति कुलीन लोगों के खिलाफ विद्रोह थी।

क्रांति के दौरान ये दिखावटी पहनावा कुलीन वर्ग के लिए बवाल-ए-जान बन गया। जिन विद्रोहियों की जीत हुई वे पैंट पहनते थे और रेशम के मुकाबले सादे ऊनी या सूती कपड़े पहनते थे। यहीं से फैशन के उस युग की नींव पड़ी जहां पुरुषों के सभ्य और औपचारिक पहनावे का अर्थ ‘सूट’ पहनना माना जाने लगा।

आज की तारीख में फिल्मों का जेम्स बॉन्ड हो, किसी फॉर्मल फंक्शन में हिस्सा लेने गया कोई खिलाड़ी या कोई बड़ा बिजनेसमैन हो, मर्दों की पावर ड्रेसिंग का एक बड़ा हिस्सा कोट-पैंट बन गया है। यहां तक कि भारतीय ड्रेस न होते हुए भी हर इंडियन वेडिंग में दूल्हे को एक जोड़ी सूट तो गिफ्ट किया जाता है। शादी की शेरवानी के साथ-साथ लड़कों के पास शादी का सूट भी होता ही है। अब शादी का सीजन आ रहा है और सूट, टक्सीडो, ब्लेजर और स्पोर्ट्स कोट से जुड़े ढेर सारे नियम-कायदे और इनके बीच के फर्क को जानना भी जरूरी है। हम आपको आज कोट-पैंट से जुड़ी सभी छोटी-बड़ी बातें बताएंगे, जिन्हें सूट सिलवाने के दौरान अगर आपने याद रखा तो आपकी पर्सनालिटी में चार-चांद लग जाएंगे।

फैशन से जुड़ी ये हिदायतें और सलीके हम इसलिए कर रहे हैं कि चाहे इन सर्दियों में आप खुद दूल्हा बनें या कोई शादी अटेंड करें या किसी बिजनेस मीटिंग का हिस्सा हों, आपका स्टाइल हर जगह परफेक्ट नजर आए और आप दूर से ही जंचें।

आगे बढ़ने से पहले आपको बताते हैं कौन से क्रिकेटर्स ने किए सूटिंग के विज्ञापन:

टक्सीडो: इसके सामने बाकी कोट-पैंट कुर्ता-पायजामा, ये शेरवानी जैसा

कोट-पैंट या सूट की बात करने से पहले टक्सीडो की बात अलग से करना जरूरी है। सोशल मीडिया और अंतरराष्ट्रीय सिनेमा की लोकप्रियता के चलते भारत में भी टक्सीडो पहनने का चलन पिछले कुछ समय में खूब बढ़ा है।

टक्सीडो मतलब अमूमन काले रंग का एक खास डिज़ाइन का कोट-पैंट जिसके बटन और ‘लेपल’ (कॉलर) पर सिल्क या साटन का कपड़ा मढ़ा होता है। आपका मन टक्सीडो का पहनने का है, तो बिल्कुल पहनें, लेकिन कुछ बातों को ध्यान में रखें।

टक्सीडो बेहद औपचारिक तरह की पोशाक है। भारतीय संदर्भ में इसकी तुलना शेरवानी से हो सकती है। मतलब बाकी के कोट-पैंट को अगर कुर्ता-पायजामा मानें जो किसी त्योहार या सांस्कृतिक कार्यक्रम में पहने जा सकते हैं, तो शेरवानी आप सिर्फ़ शादी-ब्याह के खास मौकों पर पहनते हैं।

अमेरिका में टक्सीडो खास मौकों पर पहनते हैं, भारत में हैट हट जाता है

इसी तरह टक्सीडो अमेरिकी संस्कृति में खास आयोजनों की पोशाक है और बेहद औपचारिक डिनर और मौकों पर पहना जाता है। टक्सीडो को दो हिस्सों ब्लैक टाई और वाइट टाई में बांट सकते हैं। वाइट टाई में पीछे पूूंछ की तरह लटकते ‘टेल कोट’ और ऊंचे हैट पहने जाते हैं, तो भारत में उनकी कोई जगह नहीं बनती। भारत में ब्लैक टाई ही लोकप्रिय है।

इसमें काले रंग का कोट होता है, जिसके लेपल और बटन चमकदार कपड़े से मढ़े होते हैं। सफेद ड्रेस शर्ट होती है। इस शर्ट के बटन काले या सुनहरे होते हैं। शर्ट के कॉलर अलग स्टाइल का होता है और टाई की जगह बो टाई लगाई जाती है। टक्सीडो की पैंट में भी काले सिल्क की चौड़ी पट्टी लगी होती है। इसके अलावा शर्ट का सामने का हिस्सा चुन्नटदार होता है, जिसे ‘बिब’ बोलते हैं और इसकी आस्तीन में बटन की जगह कफ़-लिंक्स होते हैं।

शर्ट पैंट और बो-टाई के अलावा टक्सीडो के साथ या तो आप डबल ब्रेस्ट वेस्टकोट पहनते हैं या बेल्ट की जगह कमरबंद बांधते हैं। दोनों ही स्थितियों में नॉर्मल कमर की बेल्ट का इस्तेमाल नहीं होता। अगर आप टक्सीडो पहन रहे हैं, तो आपके जूते फीतेदार काले और चमकदार होने चाहिए। टक्सीडो के साथ अमूमन घड़ी भी नहीं पहनी जाती थी। हालांकि, लोग वेस्टकोट के साथ पॉकेट वॉच या सामान्य काले पट्टे की रिस्ट वॉच भी पहनते हैं।

क्या आप जानते हैं कि क्रिकेटर दिनेश कार्तिक का नाम के पीछे का किस्सा? ग्राफिक्स पढ़िए :

अब डार्क ब्लू और ग्रीन कलर की भी चल रही टक्सीडो जैकेट

पिछले कुछ समय में टक्सीडो जैकेट गहरे नीले या हरे रंग की भी होने लगी है, लेकिन जिन जगहों पर ड्रेस कोड में ब्लैक टाई लिखा हो, वहां इन जैकेट का रंग काला या सफेद ही होता है। इतना सारा तामझाम देखकर आप यह तो समझ गए होंगे कि टक्सीडो हर मौके पर पहनना संभव नहीं है।

इसलिए अगर आप कभी-कभार ही सूट पहनते हैं, या एक सूट बनवाकर कई जगह काम चलाना चाहते हैं, तो टक्सीडो को अपना पहला सूट न बनाएं। अपनी या अपने परिवार की शादी में भी टक्सीडो बनवाने से पहले देख लें कि आपके पास सूट और कोट है या नहीं।

लेपल की गणित को ग्राफिक्स से जानें:

ढीली फिटिंग के सूट का दौर अब बीते जमाने की बात

किसी भी पोशाक में सबसे अहम चीज उसकी फ़िटिंग है। कोट-पैंट के मामले में यह बात अहम हो जाती है। कोट में कंधे पर पैडिंग होती है और इसके लेपल की चौड़ाई ऊपरी हिस्से में ज्यादा होती है। इससे पहनने वाले के कंधे चौड़े लगते हैं, जबकि थोड़ा-बहुत बढ़ा हुआ पेट कम लगता है। इसलिए बेहतर होगा कि आप भले ही कपड़ा थोड़ी कम कीमत का खरीदें, लेकिन सूट सिलवाकर पहनें। अगर रेडीमेड ले रहे हैं, तो उसकी फिटिंग जरूर करवाएं। फिटिंग कराते समय कुछ नियम ध्यान रखें। यह हर तरह के कोट पर लागू होते हैं।

आगे आपको बताएंगे कि कौन-से बॉलीवुड एक्टर्स को पसंद है सूट, लेकिन पहले ग्राफिक्स में देखें सचिन का सूटिंग ब्रैंड:

कियानू रीव्स-डेनियल क्रेग और विकी कौशल-सैफ अली खान सूट के शौकीन

कोट के कंधे आपके कंधों के बिल्कुल बराबर होने चाहिए। न कम न बढ़े हुए। अच्छी फिटिंग के सूट में बांहों का घेरा बहुत बड़ा नहीं होता। इससे आपके कंधे और बांहें ज्यादा मजबूत दिखती हैं। इसके अलावा कोट की फ़िटिंग देने जाएं, तो पूरी बांह की शर्ट पहनकर जाएं। कोट की आस्तीन आपकी शर्ट की आस्तीन से एक इंच छोटी होनी चाहिए। न इससे कम न इससे ज्यादा।

कोट के अलावा पैंट की फिटिंग भी आजकल चुस्त होने लगी। सूट की पैंट में क्रीज सामने की तरफ बनती है और इसकी लंबाई आपके जूतों के ऊपरी सिरे पर खत्म हो जाती है। वहीं थ्री पीस सूट में आपका वेस्ट कोट इतना लंबा हो कि निचले हिस्से में शर्ट दिखाई न दे। सूट की इन सभी फिटिंग के उदाहरण देखने हैं तो आप जॉनविक की फिल्म में कियानू रीव्स और जेम्स बॉन्ड में डेनियल क्रेग को देख सकते हैं। भारतीय अभिनेताओं में विकी कौशल और सैफ अली खान काफी अच्छी फ़िटिंग के सूट पहने अक्सर देखे जा सकते हैं।

सूट में रंगों का बहुत महत्व है, ग्राफिक्स से जानें:

जब 90 के दशक के सुपरहिट ढीले सूट के चलते हो गए थे दंगे

सूट की फ़िटिंग की बात करने पर एक जिक्र बार-बार होता है। हर कोई 90 के दशक के बेहद ढीले कपड़ों पर जरूर हंसता है। लोग कहते हैं कि आखिर उस दौर के लोग इतने ढीले कोट क्यों पहनते थे। इस लूज फिटिंग ट्रेंड के पीछे एक दिलचस्प लेकिन दुखद कहानी है। ढीली फिटिंग के सूट एक बार दंगा भी करवा चुके हैं।

बेहद ढीली फ़िटिंग के ये सूट पुराने दौर के अमेरिकी ‘जूट सूट’ से प्रेरित थे। 1930-40 के दशक में जैज संगीतकार इस तरह के ओवरसाइज सूट पहनते थे। ज़ूट सूट कहलाने वाले इस सूट से उन्हें दूर से पहचाना जा सकता था और स्टेज की उछलकूद में भी आराम रहता था। मैक्सिकन-अमेरिकन और अफ्रीकन-अमेरिकन समुदाय ने इस पहनावे को अपनी पहचान से जोड़ लिया और ज्यादातर युवा इसी तरह के सूट में दिखते थे।

सन् 1941 में द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान कपड़ों समेत तमाम चीज़ों पर राशनिंग की गई। श्वेत लोगों ने कहना शुरू किया कि इन जूट सूट में बहुत कपड़ा बर्बाद होता है। इनपर रोक लगनी चाहिए। बात बढ़ती गई और एक दिन अमेरिका के लॉस एंजिलिस शहर में कुछ नौसैनिकों ने शहर के लोगों के साथ ज़ूट सूट पहनने वाले मैक्सिकन और अफ्रीकी मूल के लोगों को निशाना बनाना शुरू किया। सड़क चलते लोगों के कपड़े उतारकर जला दिए गए। घरों में घुसकर तलाशी और तोड़फोड़ की गई। इन समुदायों की बस्ती को निशाना बनाकर दंगे हुए। कहने के लिए यह सब कुछ कपड़ों के विरोध में था, जबकि वास्तविकता में ये नस्लभेदी दंगे थे। शायद इसीलिए, किसी नौसैनिक या दंगाई को सजा नहीं हुई।

इसलिए, अगर आप स्टेज पर परफॉर्म करने वाले म्यूजीशियन नहीं हैं, तो ढीली फिटिंग के सूट न पहनें। फिटिंग के बाद बात आती है कलर, मैचिंग और दूसरे फैक्टर्स की। तो आसानी से समझने के लिए इन्हें तीन हिस्सों में बांट लेते हैं। हम एक-एक कर सूट, ब्लेज़र और स्पोर्ट्स कोट की बात करेंगे।

हर कोट अपने आपमें अलग होता है। जानिए कैसे कोट की फिटिंग की जांच करें:

काला कोट पहनने से बचें, लेकिन सूट डार्क कलर के ही हों

सूट का अर्थ है ऐसी पोशाक जिसमें कोट और पैंट एक ही कपड़े के बने हों। सूट को दो हिस्सों में बांटा जा सकता है। एक बिजनेस सूट और दूसरे बाकी मौकों पर पहने जाने वाले सूट। बिजनेस सूट के लिए कुछ बातें ध्यान रखनी चाहिए। अगर आप वकील नहीं हैं, तो आपका कोट काला नहीं होना चाहिए। सूट के कपड़े में किसी तरह का पैटर्न न हो, तो अच्छा। इसके अलावा सूट डार्क कलर का हो।

हल्के रंग के सूट पहनने पर माना जाता है कि आप माहौल को हल्के में ले रहे हैं। पूर्व-अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा एक गंभीर मीटिंग में लाइट टैन कलर का सूट पहनने पर बुरी तरह ट्रोल किए जा चुके हैं। अगर आपके दफ्तर का माहौल इतना औपचारिक है कि आपको सूट पहनना पड़ता है, तो इसके साथ टाई लगाना बेहतर होगा।

पहला सूट बना रहे हैं तो ग्रे और दूसरा डार्क ब्लू हो, जानिए क्यों

बाकी किसी मौके के लिए सूट बनवाना हो, तो कुछ बातें ध्यान में जरूर रखें। सबसे पहला सूट ग्रे कलर का बनवाएं। इसके बाद गहरे नीले रंग पर जाएं। ग्रे सूट हर किसी पर फबता है और इसे किसी भी मौके पर पहना जा सकता है। साथ ही, ग्रे सूट के साथ आप लाइट या डार्क कलर की कोई भी शर्ट पहन सकते हैं।

कहने का मतलब यह कि एक सूट को अलग-अलग मौकों पर पहनने और काम चलाने के लिए ग्रे कलर का सूट अच्छा ऑप्शन है। वैसे भी आजकल ‘ग्रे कलर में 50 शेड्स’ मिल जाते हैं। ग्रे सूट से थोड़े कम विकल्प गहरे नीले रंग में मिलते हैं और बाकी कलर्स में सूट का सलेक्शन मुश्किल होता जाता है।

2 बटन वाले कोट होते हैं खास, इसके बारे में आगे बताएंगे, लेकिन पहले ग्राफिक्स से जानें शरीर के हिसाब से सही सूट कैसे चुनें:

दो बटन वाला कोट ही सिलवाना ही सही, जिप या बिना कॉलर के सूट से बचें

कलर के बाद बात आती है बटन की। 2000 की शुरुआत में कई तरह के बटनों का फैशन था। बीच में बिना कॉलर के सूट का फैशन आया जो कभी बटन की जगह जिप लगे सूट भी चले। इन सब चलन से बचना चाहिए, क्योंकि सूट एक महंगी और लंबे समय तक टिकने वाली फॉर्मल ड्रेस है।

दो बटन वाला कोट हमेशा फैशन में रहता है और हर कदकाठी पर अच्छा लगता है, तो अपने कलेक्शन में सबसे ज्यादा गिनती टू बटन सूट की ही रखें। थ्री पीस सूट सिलवाते समय वेस्ट कोट दूसरे रंग की सिलवाई जा सकती है। पारंपरिक रूप से ऐसा ही होता था। इस चलन का फायदा यह भी है कि आप बाद में वेस्टकोट को अलग से भी पहन सकते हैं और सूट को टू-पीस सूट की तरह पहन सकते हैं।

सूट पहनने से जुड़े तीन नियम हमेशा याद रखें और जरूर अपनाएं

  • चाहे कुछ भी हो, सूट के कोट और पैंट को अलग-अलग नहीं पहनना है। कोट-पैंट अलग-अलग पहनने की आदत आपके अच्छे भले सूट को बर्बाद कर सकती है।
  • चाहे जितने बटन वाला कोट या वेस्टकोट हो, सबसे नीचे वाला बटन हमेशा खुला रहेगा। इस नियम को भी हमेशा मानना ही है।
  • जब बैठें, तो कोट के बटन खोल लें। वेस्ट कोट में आखिर का बटन हमेशा खुला रखना चाहिए।

सूट के साथ कई तरह की एसेसरीज भी पहनी जाती हैं। कौन-सी होती हैं वो एसेसरीज और कैसे इन्हें चुने:

सूट पहनने से जुड़े ऐसे 3 और नियम भी हैं जिन्हें आप चाहें तो मानें चाहें न मानें

  • सूट के साथ कफ-लिंक्स वाली यानी फ्रेंच कफ की शर्ट पहनना। अगर आप शादी या किसी पार्टी में जा रहे हैं, तो इस नियम का पालन करें, नहीं तो छोड़ भी सकते हैं।
  • टाई लगाना। ये भी इस बात पर निर्भर करता है कि आप जिस आयोजन में शरीक हो रहे हैं। वह आपके लिए कितना औपचारिक है। अगर औपचारिकता ज्यादा है, तो टाई लगाएं, नहीं तो टाई छोड़ भी सकते हैं। हां, तिरछी धारियों वाली और बेहद चौड़ी टाई पहनने से बचें। तिरछी धारियां स्कूलों या सेना की बटालियनों के लिए सही होती हैं। वहीं अब सूट ही चौड़े नहीं बनते, तो टाई भला क्यों चौड़ी हो।
  • पॉकेट स्क्वाॅयर यानी कोट के ऊपर की जेब के लिए है। इसे लगाएं तो बेहतर, नहीं लगाएं तो थोड़ी सी कमी खलेगी। अगर आपको लगता है कि पॉकेट स्क्वाॅयर एक बेहद महंगा रुमाल ही तो होता है, तो अपनी शर्ट सिलवाते समय उसी से पॉकेट स्क्वाॅयर निकलवा लें। बचत और फैशन दोनों चौकस रहेंगे।

ब्लेज़र और स्पोर्ट्स कोट में अंतर, ब्लेज़र में नेवी ब्लू पहली पसंद

अगर आप कोट को अलग रंग की पैंट के साथ पहन रहे हैं, तो अमूमन लोग उसे ब्लेज़र बोल देते हैं। लेकिन ब्लेज़र और स्पोर्ट्स कोट दो अलग-अलग चीज़ें होती हैं और इनमें पर्याप्त अंतर होते हैं। पहले बात ब्लेज़र की। ब्लेज़र एक ही रंग का होता है।

अगर कोट में चेक, सेल्फ़, स्ट्राइप है या उसके कपड़े की बुनावट में कोई पैटर्न है, तो वह स्पोर्ट्स कोट है न कि ब्लेज़र। बात ब्लेज़र की करें, तो यह ऐसे मौकों पर पहना जाता है, जहां सूट पहनना थोड़ा ज्यादा हो जाता है, लेकिन आपको अच्छे से तैयार होकर जाना है। ब्लेज़र की फ़िटिंग सूट की तुलना में थोड़ी आरामयदायक होती है।

ब्लेज़र बनवाते समय नेवी ब्लू सबसे पहला रंग होना चाहिए। अगर आपको इसे किसी औपचारिक जगह पर पहनना है, तो पैंट और शर्ट के साथ बिना टाई के पहनें। अगर कम फ़ॉर्मल तरीके से पहनना है, नीली जींस और प्रिंटेड शर्ट काली हाई नेक टीशर्ट के साथ पहन सकते हैं। ब्लेज़र के रंग को कभी पैंट से मैच करने की कोशिश न करें। जितना अलग रंग उतना अच्छा कॉम्बिनेशन।

सूट आपको फिट लुक भी देता है , कैसे जानिए:

सूट के साथ बेल्ट और बूट की बात

रही बात फुट वेयर की, तो इसके साथ आप चेल्सी बूट से लेकर सफ़ेद ड्रेस स्नीकर तक कुछ भी पहन सकते हैं। जिन ब्लैक या ब्राउन लेदर शूज में सुराख होते हैं, उन्हें फॉर्मल सूट से लेकर कैज़ुअल जींस और ब्लेज़र तक के साथ पहना जा सकता है। ऑफ़िस जाने वालों के लिए ब्लेज़र पहनना एक अच्छा विकल्प है। ब्लेज़र आपको बेहतर दिखने में मदद करता है। इसके अलावा एसी दफ़्तर में आप इसे कुर्सी पर टांगकर दिनभर काम करिए। ब्लेज़र लंबे समय तक गंदा नहीं होगा और दो-तीन ब्लेज़र में पूरी सर्दी कट जाएगी। कपड़े धोने का झंझट भी नहीं। अगर आपकी लंबाई ज़्यादा है और पेट नहीं निकला है, तो डबल ब्रेस्ट ब्लेज़र भी एक बढ़िया विकल्प हो साबित हो सकता है।

टी-शर्ट और स्नीकर्स के साथ पहनें लंच या मीटिंग में पहनें स्पोर्ट्स कोट

अब आखिर में आपको बताते हैं कि स्पोर्ट्स कोट और ब्लेज़र में क्या अंतर है। पहला अंतर रंगों, डिज़ाइन और कपड़े के मैटीरियल का है। दूसरा, यह ब्लेज़र से भी कम औपचारिक होता है। इसमें अमूमन कंधों पर पैडिंग नहीं होती और इसकी फ़िटिंग थोड़ी और ढीली होती है। कुल मिलाकर, अगर आप चेक, लाइनिंग या किसी और पैटर्न वाला कोट किसी दूसरे रंग की जींस या ट्राउज़र के साथ पहन रहे हैं, तो उसे ब्लेज़र नहीं स्पोर्ट्स कोट कहेंगे।

स्पोर्ट्स कोट कई जगह काम आने वाली ड्रेस है। इसे टीशर्ट और स्नीकर के साथ पहनें, तो कूल लुक में दिखेंगे। वहीं गहरे रंग की डेनिम शर्ट के साथ हल्के रंग का स्पोर्ट्स कोट ऑफ्टरनून मीटिंग या लंच के लिए अच्छा ऑप्शन है। स्पोर्ट्स कोट में कई बार कोहनी के नीचे पैच लगे रहते हैं, जो पुराने ज़माने में शिकार पर जाने वाले राजा-महाराजा पहनते थे। उन्हें ‘हंटर्स कोट’ कहते हैं। इसलिए इस तरह के कोट से शाही या प्रभावशाली व्यक्तित्व का फील आता है। स्पोर्ट्स कोट को हर उस चीज़ के साथ मैच किया जा सकता है, जो अच्छी लगे। यही वजह है कि हॉलीवुड और बॉलीवुड दोनों की लगभग हर हीरोइन कई जगहों पर स्पोर्ट्स कोट पहने नज़र आती हैं।

महिला हो या पुरुष, स्पोर्ट्स कोट के साथ मफलर और स्टोल होगा हिट

आप कुछ भी पहनकर ऊपर से स्पोर्ट्स कोट पहन लें तो एक स्टाइलिश लुक बन जाएगा। इसके अलावा हल्के से ओवर साइज़ और या थोड़े लंबे कोट मफ़लर या स्टोल के साथ महिला और पुरुष दोनों पर चल जाते हैं। आमतौर पर ये गर्म नहीं होते, तो लोग स्वेटर के ऊपर से भी इन्हें पहनते हैं।

अब सूट, ब्लेज़र, स्पोर्ट्स कोट और टक्सीडो पर हमने इतनी सारी बातें कर ली हैं, तो इस सर्दियों में सूट या कोट सिलवाने से पहले आपके पास पर्याप्त जानकारी होगी। अगर आपके पास पहले से कोट या सूट हैं, तो आप उन्हें बेहतर तरीके से मिक्स-मैच करके पहनेंगे। बस एक बात का ध्यान रखें, जो पहने अपनी शख्सियत, अपने आस-पास के माहौल और लाइफ़स्टाइल को ध्यान में रखकर पहनें। किसी और ने क्या पहना और उस पर क्या अच्छा लगा इस आधार फैसले न लें। यकीन मानिए लोग आपको देखकर भी कह पाएंगे, तैनू सूट-सूट करदा……

(अनिमेष मुखर्जी फूड और फैशन ब्लॉगर हैं)

इनपुट्सः ऐश्वर्या शर्मा, ग्राफिक: सत्यम परिडा

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