यूक्रेन के मैटरनिटी वार्ड पर रूस की बममारी के चलते 9 मार्च को एक प्रेग्नेंट महिला और उसके बच्चे की मौत हो गई थी। एक स्ट्रेचर पर महिला को एंबुलेंस में ले जाने की तस्वीरें दुनिया भर में वायरल हो गई थीं। इस तस्वीर को मासूमों पर कहर का प्रतीक बताया गया।
दरअसल, अस्पताल पर हमले के बाद एसोसिएटेड प्रेस (एपी) के पत्रकारों ने नौ मार्च, बुधवार को इस घटना के वीडियो और फोटो शूट किए थे। इसमें महिला को खून से लथपथ पेट के निचले हिस्से को सहलाते हुए देखा गया। बुरी तरह घायल महिला के चेहरे पर निराशा साफ झलक रही थी।
हमले में महिला और बच्चे की मौत
19 दिन के युद्ध में यह यूक्रेन के खिलाफ रूस का सबसे बेरहम पल था। महिला को दूसरे अस्पताल में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे बचाने का भरपूर प्रयास किया। जब महिला को पता चला कि उसका बच्चा नहीं रहा, तब उसने रोते हुए डॉक्टरों से कहा ‘मुझे भी मार डालिए।’
सर्जन तिमूर मारिन ने बताया कि महिला के शरीर का निचला हिस्सा यानी कमर और उससे नीचे के हिस्सा बम विस्फोट की वजह से बुरी तरह जख्मी हो गया था। उन्होंने बताया कि महिला की फौरन सर्जरी की गई, मगर बच्चा मर चुका था। फिर करीब तीस मिनट के बाद महिला ने भी दम तोड़ दिया।
हमले में मारे गए कई लोगों की अभी तक नहीं हो पाई पहचान
डॉक्टर ने बताया कि जल्दबाजी में वह महिला के पति का नाम नहीं पूछ पाया था। हालांकि, बाद में महिला के पिता आकर उसका शव ले गए। मारिन ने कहा कि कम से कम कोई तो उसका शव लेने आया और अनाम क्रब में जाने से बच गई।
मारियुपोल में रूस की भीषण गोलाबारी में मारे गए लोगों में से कई की पहचान नहीं की जा सकी है। मौजूदा हालात की वजह से इन लोगों को सामूहिक कब्रों में दफनाना पड़ रहा है।
रूसी दूतावास ने खबर को बताया था फेक
युद्ध अपराध के आरोपों का सामना कर रहे रूसी अधिकारियों ने दावा किया कि यूक्रेन के चरमपंथी मैटरनिटी अस्पताल का इस्तेमाल अपने ठिकाने के तौर पर कर रहे थे और वहां कोई मरीज या मेडिकल स्टाफ नहीं था। संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत और लंदन में स्थित रूसी दूतावास के राजदूत ने संबंधित तस्वीरों को ‘फर्जी खबर’ करार दिया।
युद्ध की दर्दनाक कहानियों को कवर कर रहे ‘एसोसिएटेट प्रेस’ के पत्रकारों ने विस्फोट का शिकार बने मैटरनिटी वार्ड में जमीन पर खून से लथपथ पाई गई गर्भवती महिलाओं, रोते बच्चों और उनके इलाज के लिए प्रयास कर रहे मेडिकल स्टाफ के वीडियो, फोटो पोस्ट किए।
अगले दिन उन्होंने शहर में उस अस्पताल का पता लगाया, जहां इनमें से कुछ महिलाओं को ले जाया गया। एक सप्ताह से इस शहर में पानी, खाना, बिजली का भारी अभाव है। मारियुपोल में ही एक अन्य प्रेग्नेंट महिला ने शुक्रवार को सीजेरियन से अपनी बच्ची को जन्म दिया। हालांकि विस्फोट में इस महिला के हाथ पैरों की कुछ उंगलियां उड़ गई थीं। पीड़ितों का दावा है कि यूक्रेन के कई शहरों में रूसी हमलों के कारण इसी तरह के हालात हैं।
युद्ध के कारण लाखों लोगों ने किया पलायन
रूस यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के चलते यूक्रेन के कई बड़े शहर लगभग तबाह हो गए हैं। लगातार हो रही बमबारी से अपनी जान बचाने के लिए लाखों लोग घर छोड़कर दूसरे देशों में जा चुके हैं। जो परिवार वहां रह रहे हैं उनको जान बचाने के लिए बंकर में छिपना पड़ रहा है।
यूक्रेन के 3,920 सैन्य बेस हुए नष्ट
इस बीच रूस के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि रूसी सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन शुरू होने के बाद से यूक्रेन के 3,920 सैन्य बेस को नष्ट कर दिया है। हालांकि अब तक इस आंकड़े पर यूक्रेन का कोई जवाब सामने नहीं आया है।
राष्ट्रपति ने हमले की निंदा की
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने रूसी सेना द्वारा नागरिकों पर हमले की निंदा की थी। उन्होंने इसे ‘युद्ध अपराध’ और ‘यूक्रेनियों के खिलाफ नरसंहार का अंतिम सबूत’ करार दिया। ट्विटर पर ज़ेलेंस्की ने एक वीडियो साझा किया था जो बमबारी से हुए नुकसान को दर्शाता है। अब तक के 19 दिन के युद्ध में यह यूक्रेन के खिलाफ रूस के सबसे क्रूर क्षणों में से एक था। महिला को दूसरे अस्पताल में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे बचाने का भरपूर प्रयास किया।
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