• Hindi News
  • Women
  • World record Of 57 Years Death Sentence, 90 Year Old Sister Shield Made Of 87 Year Old Brother

वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाला केस खुलेगा:जापानी बॉक्सर को बॉस-उसकी पत्नी-2 बच्चों के मर्डर में 57 साल पहले सुनाई फांसी, बहन ने पलटवाया फैसला

नई दिल्ली13 दिन पहले
  • कॉपी लिंक

जापान के पूर्व बॉक्सर इवाओ हाकामादा के पांच दशक पुरानी मौत की सजा पर टोक्यो हाईकोर्ट ने फिर से सुनवाई का आदेश दिया है। उन्हें अपने बॉस, उनकी पत्नी और दो बच्चों की हत्या के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई थी।

कोर्ट के इस फैसले के बाद हाकामादा के वकील ने कोर्ट के बाहर बैनर लहाराया। इस वक्त हाकामादा की उम्र 87 साल है।

कबूलनामे के लिए 264 घंटे की पूछताछ

30 जून, 1966 को इवाओ हाकामादा के बॉस के घर में आग लग गई थी। हाकामादा का कहना था कि उन्होंने केवल आग बुझाने और उनकी पत्नी और दो बच्चों के शवों को खोजने में मदद की। उन सबकी चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी। लेकिन हाकामदा से पूछताछ की गई और दो महीने बाद अगस्त में उनके कबूलनामे और उस वक्त पहने गए पाजामे पर लगे खून को आधार बनाकर गिरफ्तार किया गया। उनके वकीलों के अनुसार, कबूलनामे के लिए 23 दिनों में हाकामादा से कुल 264 घंटे पूछताछ की गई, इनमें से कई सेशन 16 घंटे से अधिक के थे। यहां तक कि पूछताछ के दौरान उन्हें पानी या टॉयलेट तक नहीं जाने दिया जाता था।

खबर में आगे बढ़ने से पहले डेथ पेनल्टी पर आप क्या सोचते हैं, बताते चलें…

एक कपड़े ने हाकामादा को बनाया दोषी

घटना के एक साल से अधिक समय बीतने के बाद सूबत के तौर पर खून से सना एक कपड़ा सामने आया। इस कपड़ों को हाकामादा को दोषी ठहराने के लिए इस्तेमाल किया गया। उनके समर्थकों का कहना था कि सबूत के लिए इस्तेमाल किए गए कपड़े उन्हें फिट नहीं आ रहे थे और समय बीतने के कारण खून के धब्बे बहुत स्पष्ट नहीं थे। डीएनए टेस्ट में हाकामादा, कपड़े और ब्लड के बीच कोई कनेक्शन नहीं पाया गया लेकिन हाईकोर्ट ने टेस्टिंग के तरीकों को खारिज कर दिया।

सजा का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड हाकामादा के नाम

मर्डर के दो साल बाद हाकामाडा को साल 1968 में दोषी ठहराया गया था। पूर्व बॉक्सर ने शुरू में हत्याओं को कबूल किया लेकिन ट्रायल के दौरान कबूलनामा वापस ले लिया और मुकर गए। उन्होंने अपनी बात पर जोर देकर कहा कि वो अपने ट्रायल के दौरान निर्दोष थे। साल 2014 में केस में नए सबूतों के कारण उनकी रिहाई हुई। लेकिन उससे उन्हें पहले मौत की सजा मिले 45 साल बीत चुके थे। 10 मार्च, 2011 को, हाकामादा के 75वें जन्मदिन पर, गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने उन्हें दुनिया के सबसे लंबे समय तक मौत की सजा पाने वाले कैदी के रूप में प्रमाणित किया।

बहन ने भाई को निर्दोष साबित करने की लड़ी लड़ाई

हाकामादा की बहन हिदेको इस वक्त 90 साल की हैं। उन्होंने अपने भाई को निर्दोष साबित करने के लिए लगातार इस केस पर मेहनत की। कैंपेन चलाया। हाईकोर्ट के फैसले किए बाद वो कहती हैं- 'मैं 57 साल से इस दिन का इंतजार कर रही थी। आखिरकार वो दिन आ ही गया। मेरे कंधे से एक बोझ हट गया।'

जापान की जनता डेथ पेनल्टी को मानती सही

जापान के लोग आमतौर पर मौत की सजा का समर्थन करते हैं। सरकार नियमित रूप से डेथ पेनल्टी समर्थन के लिए मॉनिटरिंग करती है। 2020 में हुए एक सर्वे में ये बात सामने आई कि वहां 80% से अधिक जनता ने मृत्युदंड को 'जायज़' मानती है। और केवल लगभग 8% ने कहा कि इसे समाप्त कर देना चाहिए। 2020 के सर्वे में 2015 में किए गए सर्वे की तुलना में थोड़ा बदलाव था। 2015 में 80.3% लोगों ने मृत्युदंड को जायज माना था।

142 देशों में डेथ पेनल्टी पर रोक

डेथ पेनल्टी को लेकर दुनिया भर में बहस चलती रहती है। संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के 142 देशों ने अपने यहां इस सजा के प्रावधान को खत्म कर दिया है। वहीं, 52 देश अब भी किसी न किसी तरीके से डेथ पेनल्टी की सजा देते हैं। उन देशों में भारत के अलावा जापान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, चीन, मिस्र, सूडान, वियतनाम, सऊदी अरब, यमन, मलेशिया, नाइजीरिया, जिम्बॉब्वे जैसे देश शामिल हैं।