‘जोड़ियां स्वर्ग में बनती हैं’ ये कहावत सभी ने सुनी होगी, लेकिन इन जोड़ियों को रिश्ता तो इसी धरती पर निभाना पड़ता है। रिश्ते की जमीन कैसी हो कि शादी अच्छी चले और गुड मैरिज कहलाए।
डिक्शनरी की बात की जाए तो 'शादी', विवाह, ब्याह और मैरिज शब्द का सीधा-सीधा मतलब संस्कार, खुशी, आनंद से जुड़ा बताया गया है। पर क्या हकीकत में शादी को इन शब्दों में बांधा जा सकता है? अगर आपने इस पर विचार कर लिया तो समझिए आपने गुड मैरिज की बुनियाद रख दी है।
गुड मैरिज पर बात करने से पहले एक-दो उदाहरण देख लेते हैं।
गुड मैरिज की मिसाल बने ग्लाडू दंपती, बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड
1919 में जन्मे अमेरिका के यूजेनी ग्लाडू और 1922 में ज्न्मीं डोलोरेस ग्लाडू ऐसे जिंदादिल दंपती हैं जिनके पास लॉन्ग और हैप्पी मैरिड लाइफ बिताने का वर्ल्ड रिकॉर्ड है।
दोनों की शादी 25 मई 1940 को रोहडे आइसलैंड के वूनसोकेट में हुई थी। जुलाई 2021 में उनके इस अनोखे रिकॉर्ड को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया। तब दोनों की शादी को 81 साल और 57 दिन बीत चुके थे।
दंपती के परिवार में हैं पांच पीढ़ियां
ग्लाडू दंपती का परिवार अब तक पांच पीढ़ियों का हो गया है। आज भी वे साथ-साथ नाचने-गाने, घूमने-फिरने में पीछे नहीं रहते। खुशी का हर पल वो परिवार के संग बिताने का मौका नहीं छोड़ते। दोनों के बीच साथ रहने की ललक अभी भी वैसे ही बरकरार है जैसे कि शादी के शुरुआती दिनों में हुआ करती थी।
इन्फोसिस के नारायण मूर्ति की सक्सेस के पीछे है गुड मैरिज
देश की नामी-गिरामी IT कंपनियों में शुमार की जाने वाली इन्फोसिस को इस मुकाम पर लाने में नारायण मूर्ति का अहम रोल रहा है। लेकिन नारायण मूर्ति ने कई इंटरव्यू में बताया है कि इस कंपनी को उन्होंने अपने कुछ इंजीनियर दोस्तों के साथ मिलकर शुरू किया जिसके लिए 10 हजार रुपए अपनी पत्नी सुधा मूर्ति से लिए। यानी यह नारायण और सुधा की गुड मैरिज का ही नतीजा रहा जो कि इतनी बड़ी कंपनी की शुरुआत हो सकी। सुधा और नारायण की लव स्टोरी पुणे स्थित टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी (TELCO) से शुरू हुई।
दोनों यहीं काम करते थे। इसी दौरान उनमें नजदीकियां बढ़ीं। नारायण मूर्ति सुधा के साथ डेट पर जाते तो बिल सुधा देती थीं, क्योंकि मूर्ति के पास उस समय ज्यादा पैसे नहीं होते थे। 10 फरवरी 1978 को बेंगलुरु में नारायण मूर्ति और सुधा की शादी हुई। शादी के तीन साल बाद 1981 में इन्फोसिस की नींव रखी गई थी। आज इन्हीं के दामाद ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री हैं। यहां यह भी बताते चलें कि 2006 में सुधा मूर्ति पद्म श्री से सम्मानित हो चुकी हैं। आजकल वे शिक्षिका, लेखिका के अलावा इन्फोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष भी हैं।
गुड मैरिज की दो कहानियां जानने के बाद यह जानते हैं कि क्या बातें हैं जो एक शादी को खूबसूरत बनाती हैं। इसे अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ रोचेस्टर और एक्सपर्ट के इन 12 पॉइंट से समझते हैं-
गुड मैरिज के कॉन्सेप्ट को इन हस्तियों की बातों से भी समझने की कोशिश करते हैं।
अमेरिकी लेखक विलियम लायन फेल्प्स कहते हैं कि धरती पर अगर सबसे ज्यादा खुशी की कोई बात है तो वो है शादी। इसी बात की तस्दीक अमेरिका के ही कम्पोजर फ्रेंच सुबर्ट भी करते हैं और कहते हैं कि दुनिया में खुश वही है जिसने सच्चा दोस्त तलाश लिया है और सबसे ज्यादा खुश वो है जिसका सच्चा दोस्त उसका पार्टनर या वाइफ हो। एक और अमेरिकन राइटर मार्क ट्वेन का कहना है कि जीवन का आनंद पूरी तरह उठाना है तो सबसे पहले आपके पास इस खुशी को बांटने वाला कोई अपना होना चाहिए।
गुड मैरिज में कुछ ऐसी बातें रुकावट का काम कर देती हैं जिन पर समय रहते ध्यान दे दिया जाए तो रिलेशनशिप बिगड़ने से बच जाती है। समझिए इस ग्राफिक से-
हिंदू धर्म में भी विवाह के 7 वचनों में गुड मैरिज का कॉन्सेप्ट कुछ यूं बताया गया है।
गृभ्णामि ते सुप्रजास्त्वाय हस्तं मया पत्या जरदष्टिर्यथासः।
भगो अर्यमा सविता पुरन्धिर्मह्यांत्वादुःगार्हपत्याय देवाः ॥
यानी, मैं तुम्हारा हाथ पकड़े रखूंगा, ताकि हम योग्य संतान के माता-पिता बन सकें और हम कभी अलग न हों। मैं इंद्र, वरुण और सवितृ देवताओं से एक अच्छे गृहस्थ जीवन का आशीर्वाद मांगता हूं।
धैरहं पृथिवीत्वम्। रेतोऽहं रेतोभृत्त्वम्। मनोऽहमस्मि वाक्त्वम्।
सामाहमस्मि ऋकृत्वम्। सा मां अनुव्रता भव।।
यानी, मैं आकाश हूं और तुम पृथ्वी हो। मैं ऊर्जा देता हूं और तुम ऊर्जा लो। मैं मन हूं और तुम शब्द हो। मैं संगीत हूं और तुम गीत हो। तुम और मैं एक दूसरे का पालन और सम्मान करें।
पहले मैचमेकिंग और शादी को एक-दूसरे का पर्याय माना जाता था। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में नई सोच के लड़के-लड़कियों की संख्या बढ़ी है, जो लाइफ पार्टनर तो बनाना चाहते हैं लेकिन मैरिज से इत्तेफाक नहीं रखते।
कपल्स ने माना मैरिज से बढ़कर है हेल्दी रिलेशनशिप
रिलेशनशिप काउंसलर डॉ. केआर धर बताते हैं कि आजकल इमोशनल और फिजिकल जरूरत को पूरा करने के लिए लिव-इन-रिलेशन, लव मैरिज का ट्रेंड बढ़ा है। लेकिन मानसिक तौर पर एक दूसरे के प्रति समर्पण वाली स्थिति इन रिश्तों में कम ही नजर आती है, जिसकी वजह से यह रिलेशनशिप लंबे वक्त तक नहीं चल पाती।
इस मुद्दे को लेकर डेटिंग ऐप 'एंड वी मेट' डेटिंग एप ने दिल्ली-NCR, मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई, बेंगलुरू जैसे शहरों में 25-35 साल के युवा कपल्स के बीच सर्वे किया।
इनमें अधिकतर कपल्स ने शादी को महज एक 'तमगा' माना और कहा कि वे कमिटमेंट की वैल्यू ज्यादा करते हैं और हेल्दी रिलेशनशिप उनके लिए शादी के 'तमगे' से बढ़कर है।
पुरुषों की तुलना में महिलाओं में रिश्ते बदल जाने का डर ज्यादा दिखा। इस डर की वजह समाज की 'उम्मीदों का बोझ' है, जो शादी के बाद उन पर बढ़ जाता है।
इसके अलावा यूनिसेफ द्वारा कराए गए एक सर्वे पर भी गौर करते चलिए-
अब बॉलीवुड सितारों की गुडमैरिज पर अगर बात की जाए तो सबसे पहले अमिताभ और जया का नाम ही आता है।
इस साल जून में अमिताभ-जया बच्चन की शादी को हो जाएंगे 50 साल
अमिताभ और जया बच्चन की शादी को इस वर्ष 50 साल पूरे होने वाले हैं। बॉलीवुड की यह जोड़ी 3 जून को अपनी शादी की 50वीं सालगिरह मनाएगी।
3 जून, 1973 को शादी के बंधन में बंधने के बाद से सिनेमा की दुनिया में दोनों के सितारे बुलंद होते गए। अमिताभ बच्चन को सदी के महानायक तक का तमगा मिला। आज उनका बेटा-बेटी, बहू, दामाद, पोती, नातिनी से भरापूरा परिवार है। यह सबकुछ दोनों की गुड मैरिज का ही नतीजा है।
प्रीति जिंटा ने अमेरिकी पति संग खास तरीके से मनाई मैरिज एनिवर्सरी
लाखों दिलों पर राज कर चुकीं बॉलीवुड एक्ट्रेस प्रीति जिंटा ने 1 मार्च को अपनी शादी की 7वीं सालगिरह बेहद खास अंदाज में मनाई। उन्होंने इसकी तस्वीरें और वीडियोज सोशल मीडिया पर जब शेयर किए तो फैंस ने भी उनको खूब सराहा।
प्रीति जिंटा ने 29 फरवरी 2016 में एक अमेरिकी बिजनेसमैन जीन गुडइनफ से शादी रचाई थी। चूंकि, यह शादी लीप ईयर में हुई थी इसलिए एक्ट्रेस 1 मार्च को शादी की सालगिरह सेलिब्रेट करती हैं। जीन गुडइनफ एक्ट्रेस प्रीती जिंटा से 10 साल छोटे हैं। इससे पहले प्रीति जिंटा और जेन गुडइनफ 5 साल तक एक दूसरे को डेट करते रहे थे।
इस दौरान प्रीति जिंटा ने कहा- पता ही नहीं चला कब दोनों के रिश्ते को 7 साल बीत गए। हमें और कई एनिवर्सरी और खुशियां साथ-साथ मनानी हैं।
31 साल से साथ-साथ है ये कपल, दोनों मिलकर चलाते हैं खुद की कंपनी
‘गोल्डमाइन प्रोजेक्ट कंसल्टेंट कंपनी’ को मनीषा सेठ और केतन सेठ मिलकर चलाते हैं। दोनों को शादीशुदा जिंदगी बिताते हुए अब 31 साल बीत चुके हैं।
वुमन भास्कर से बातचीत के दौरान दंपती ने बताया कि हम दोनों के बीच प्यार, गिले-शिकवे, लड़ाई सबकुछ होता है। लेकिन यह कभी भी इतना ज्यादा नहीं बढ़ा कि हम एक दूसरे से अलग होने के बारे में सोचते। आखिर में हम एक साथ खड़े होते हैं। बच्चों के हमारी जिंदगी में आने के बाद से तो हम एक-दूसरे के और करीब आ गए।
शादी का फोटो फ्रेम बहुत कुछ कहता है
डॉ. धर के मुताबिक, नई नवेली शादी के बाद कपल अपने सपनों को संजोने के साथ ही घर की दीवार या शोकेस में शादी की फोटो फ्रेम कर लगाना नहीं भूलते। सबकुछ प्यार से चलता है तो वह फोटो फ्रेम भी लगातार साफ रखा जाता है। जैसे-जैसे कपल में दूरियां बढ़ती हैं तो फोटो फ्रेम पर धूल बैठने लगती है। कई बार ऐसा भी होता है कि कपल में लड़ाई बढ़ती जाती है तो शादी के फोटोफ्रेम पर ही गुस्सा निकाल दिया जाता है। या तो फोटो को जला दिया जाता है या फिर तोड़-फोड़ दिया जाता है।
पर गुड मैरिज कपल के लिए शादी की फोटो का फ्रेम हमेशा जिंदादिली का अहसास दिलाता है। ऐसे परिवार में फोटोफ्रेम का लुक भी बेहतर से बेहतर होता जाता है और शाइनिंग में भी लगातार बढ़ोतरी होती है।
प्यार, विश्वास और संजीदगी बनाते हैं गुड मैरिज
कपल थेरेपिस्ट, साइकोलॉजिस्ट और सारथी काउंसिलिंग सर्विसेज की डायरेक्टर शिवानी मिस्री साधो ने बताया कि कपल के बीच प्यार, विश्वास और रोजमर्रा की जिंदगी में आने वाली समस्याओं को लेकर संजीदगी से काम करने की चाहत ऐसी बुनियादी चीजें हैं जो कि उन्हें शादी को अच्छा बनाने में मदद करती हैं। आमतौर पर इनको सरल कहा जा सकता है लेकिन व्यवहार में ऐसा करना आपकी समझदारी और पेशेंस की भी दरकार रखता है।
एक्सपर्ट शिवानी मिस्री साधो और रिलेशनशिप काउंसलर डाॅ. केआर धर के मुताबिक शादी सहेजने के लिए इन बातों पर भी गौर करना चाहिए।
चीजों को प्रैक्टिकली हैंडल करें: पेशेंस के साथ हालात को प्रैक्टिकली हैंडल करने से जीवन में खुशियां भरेंगी और जिंदगी आसान लगेगी।
पार्टनर जैसा है उसे वैसा ही स्वीकारें: सबसे पहली बात पार्टनर जैसा है उसे वैसा ही स्वीकार करें। एक दूसरे को बदलने की कोशिश कभी न करें।
सेक्शुअल डिफरेंस न बढ़ाएं: हेल्दी रिलेशनशिप के लिए फिजिकल इंटिमेसी अनिवार्य है। फिजिकल और इमोशनल बाॅन्डिंग हमेशा कायम रखें।
विश्वास और मूल्यों में अंतर की समझ: हर इंसान की सोच और विश्वास अलग होते हैं इसमें कोई दो राय नहीं है। इस बात को समझना जरूरी है।
फाइनेंस, फैमिली और करियर में तालमेल: कपल के बीच फाइनेंस, फैमिली और प्रोफेशन को लेकर तनाव बढ़े तो काउंसलर की मदद लें।
आज जब रिश्ते इतने भयानक दौर से गुजर रहे हैं तो कई लोगों को शादी शब्द से डर लगने लगा है। शायद आज से बरसों पहले ये इसलिए कहा गया है कि शादी का लड्डू जो खाए, वो पछताए, जो न खाए, वो भी पछताए। लेकिन अगर दंपती सब्र और समझदारी से काम लें तो नाजुक डोर में बंधे रहने के बावजूद ये रिश्ता मजबूत बना रहता है।
ग्राफिक्स: सत्यम परिडा
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