कुछ दिन पहले ही इलाहाबाद उच्च न्यायालय में आए एक मामले की सुनवाई के दौरान जज का आदेश था, "भारतीय पत्नी अपने पति को साझा नहीं करना चाहती है। उनके लिए यह बेहद संवेदनशील मामला होता है।"
क्या था मामला
याची सुशील कुमार की पत्नी ने उस समय फांसी लगा ली जब उसे पता चला कि उसका पति पहले से शादीशुदा था और एक और शादी करने जा रहा था। बनारस के मडुवाडीह थाने में यह मामला दर्ज किया गया। इसमें पति के ऊपर पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा। बाद में यह मामला निचली अदालत में गया, जहां पति को दाेषी ठहराया गया। निचली अदालत के इस निर्णय को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी सही माना।
अदालत का आदेश
इस मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि भारतीय महिलाएं अपने पति को लेकर बेहद संवेदनशील होती हैं। वह उसे किसी और के साथ साझा नहीं करना चाहती। अगर उसे यह पता चल जाए कि उसका पति पहले से शादीशुदा है और तीसरी शादी भी कर रहा है, तो उससे समझदारी दिखाने की उम्मीद करना बेमानी होगा।
कोर्ट ने यह भी कहा कि पत्नी का यह आरोप कि ‘पति पहले से विवाहित है, उसके 2 बच्चे हैं और अब बिना डिवोर्स दिए उसने तीसरी शादी कर रहा है। इसके अलावा महिला के साथ मारपीट हुई। उसे मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा। ये सब वजहें ही सजा दिलाने के लिए काफी है।
सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट निपुण सक्सेना के अनुसार, “कानून में एडल्टरी (विवाहेतर संबंध) को बेवफाई माना गया है। भारतीय दंड संहिता में इसे दंडनीय अपराध माना जाता था लेकिन यह कानून स्त्री और पुरुष के बीच में भेद करता हुआ पाया गया इसलिए जोसेफ शाइन वर्सेज यूनियन ऑफ इंडिया के मामले में इस प्रावधान को असंवैधानिक करार कर दिया गया। ”
पति का किसी और के साथ संबंध मानसिक उत्पीड़न के दायरे में आता है। यह तलाक लेने का आधार होता है। यही स्थिति पत्नी के साथ भी लागू होती है। बीवी की बेवफाई साबित होने पर पति को तलाक मिल सकता है, हालांकि गैर मर्द के साथ संबंध को दंडनीय अपराध नहीं माना जाएगा।
पत्नी कब बेवफा
वर्तमान कानून के अनुसार पत्नी किसी और के साथ शारीरिक संबंध बनाए, तो यह बेवफाई मानी जाएगी। यह दंडनीय अपराध नहीं है पर इसके आधार पर तलाक की याचिका दायर की जा सकती है। हिंदू मैरिज में पत्नी के साथ किसी भी तरह की बेवफाई का मामला होने पर एडल्ट्री के आधार पर तलाक दिया जा सकता है। पति भी अगर पत्नी को शादी के बाहर संबंधों में लिप्त पाता है, तो वह तलाक मांग सकता है लेकिन
अगर यह साबित हो जाता है कि पति ही पत्नी को ऐसे संबंधों को बनाने के लिए विवश कर रहा है, तो इसे एडल्ट्री या बेवफ़ाई नहीं मानी जाएगी। एडवोकेट निपुण सक्सेना के अनुसार, पति अगर जानबूझकर पत्नी को किसी के साथ सोने को कह रहा है, तो इस मामले में स्त्री को विवाहेत्तर संबंध का दोषी नहीं माना जा सकता है लेकिन अगर पति के संबंधों के कारण पत्नी को मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ती है।
क्या पत्नी भी सजा की हकदार
फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी की स्टडी के अनुसार कई लोगों के शादीशुदा जीवन में खुशियां ही खुशियां होती है लेकिन एक अनुमान के अनुसार सौ में से 25 लड़के और 100 में से 20 लड़कियां एक्सट्रामैरिटल सेक्स में लिप्त हैं।
किसी मामले में अगर पति साबित कर देता है कि पत्नी के विवाहेत्तर संबंध की वजह से वह मेंटल ट्रॉमा में रहा और इस वजह से सुसाइड करने के अलावा दूसरा कोई चारा नहीं बचा है। वह सुसाइड नोट में यह सब लिखकर मरता है, तो पत्नी को धारा 306 के तहत सजा होगी।
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