बालाजी टेलीफिल्म्स के एक फोन ने बनाया एक्ट्रेस:दिल में सुराख होने से बचपन डर में बीता; हुनर के दम पर हूं वेब-शो स्टार

नई दिल्ली5 महीने पहलेलेखक: भारती द्विवेदी
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एक चुलबुली लड़की, जिसका बचपन डर में बीता। जो आम बच्चों की तरह नहीं थी। मां-बाप के सपोर्ट और अपने जज्बे की वजह से न वह सिर्फ अपने बुरे दौर से निकली बल्कि आज टीवी इंडस्ट्री और वेब शो का फेमस चेहरा है। बचपन में जिसके हिलने-डुलने से उसके पैरेंटस डर जाते थे, उस लड़की ने एक्टिंग, म्यूजिक वीडियो और ‘झलक’ के मंच पर अपने डांस का हुनर दिखाया। आज ‘ये मैं हूं’ में ‘कैसी ये यारियां’ फेम एक्ट्रेस नीति टेलर की कहानी। दर्शकों ने इस शो को इतना प्यार दिया कि अब इसका चौथा सीजन भी आ गया है।

मेरे जीवन का सबसे बड़ा स्ट्रगल हेल्थ इशू रहा

बचपन में मुझे हेल्थ इश्यू बहुत ज्यादा रहा है। मेरे हार्ट में सुराख था। मेरे मम्मी-पापा ने कई डॉक्टर को दिखाया, मेरी दिक्कत देखकर अधिकांश डॉक्टर ने जवाब दे दिया था। मेरे बचने की उम्मीद बहुत कम थी। इस वजह से बचपन काफी प्रोटेक्शन में बीता है। बाकी बच्चों की तरह मैं खेल नहीं सकती थी, फ्री होकर घूम नहीं सकती थी। फिर मम्मी-पापा ने एक बेंगलुरु के डॉक्टर ने दिखाया। डॉक्टर ने कहा हम कोशिश कर सकते हैं लेकिन बचने के चांस 50 फीसदी है। ऑपरेशन के बाद एक मिनट के लिए मेरी सांस चली गई थी, फिर अचानक मेरी सांस वापस आ गई। जैसा फिल्मों में होता है, मेरा साथ ठीक वैसा ही हुआ।

बालाजी की एक रैंडम कॉल ने बदल दी लाइफ

ऑपरेशन होने के बाद जब मैं ठीक हो गई। तब मम्मी-पापा ने डिसाइड किया कि वो कॉलेज के लिए मुझे मुंबई भेजेंगे। वो चाहते थे कि अब मैं इंडिपेंडेंट बनूं। मैं मुंबई कॉलेज का फॉर्म भरने गई थी। उसी दौरान मुझे बालाजी टेलीफिल्म्स की तरफ से ऑडिशन के लिए कॉल आया। मैंने उनसे कहा आपने शायद कोई गलत नंबर डायल किया है। मैंने कभी ऑडिशन नहीं दिया, मेरा कोई पोर्टफोलियो भी नहीं है। उधर से जवाब आया मैम सिर्फ ऑडिशन है, एक बार आकर देख लीजिए। अगले दिन मैं भी खाली थी तो चली गई ऑडिशन देने। दो-तीन बार ऑडिशन देने के बाद एक शो के लिए सेलेक्ट हो गई। कॉलेज के साथ शो आसानी से हो रहा था फिर मुझे एक्टिंग करना अच्छा लगने लगा।

टीचर बनना सपना था, एक्टर बनने का सोचा नहीं था

हालांकि मुझे कभी एक्टर नहीं बनना था। इसके बारे में सोचा भी नहीं था। बचपन में एक समय पर मिस यूनिवर्स बनना था। पता नहीं क्यों लेकिन बनना था। फिर उसके बाद मुझे टीचर बनना था, क्योंकि मुझे बच्चे बहुत पसंद हैं। टीचर बनने का सपना जरूर देखती थी।

इंडस्ट्री हमेशा से ही मेल डॉमिनेटिंग थी

मैंने कोई एक्टिंग की ट्रेनिंग नहीं ली। न ही मैं किसी एक्टिंग फैमिली से तात्लुक रखती हूं। मैंने अपनी जो भी पहचान बनाई है वो अपने काम और हार्डवर्क के दम पर बनाई है। इंडस्ट्री मेल डॉमिनेटिंग है। यहां प्रोडक्शन हो या कोई भी मेल एक्टर को सबसे पहले प्रीफ्ररेंस देते हैं।आप कितना भी काम कर लो या कितनी भी फेमस हो मेल एक्टर को ज्यादा भाव मिलता है। फीमेल एक्टर के लिए लोगों को लगता है अरे ये तो मैनेज कर ही लेगी। मेल एक्टर से मजाक करने के लिए लोग सोचते हैं लेकिन फीमेल एक्टर से कुछ भी कह दिया जाता है।

करियर की शुरुआत से ही ट्रोलिंग झेली है

मैंने अपने अब तक के करियर में बहुत ज्यादा ट्रोलिंग झेली है। शुरू में को-एक्टर के साथ अफेयर की खबरें। फिर निजी जीवन को लेकर बातें। यहां तक कि मेरी मार्फ्ड पिक्चर मेरे मम्मी-पापा और सास-ससुर तक को भेजे गए। जब मैंने शादी की तब मेरे हस्बैंड को लेकर ट्रोलिंग हुई। शुरू में थोड़ा फर्क पड़ता था लेकिन अब नहीं। इतना समझ आ गया है कि जो लोग आपको पसंद नहीं करते वो यही कर सकते हैं। साथ ही मेरे पति आर्मी में हैं तो वो सोशल मीडिया पर नहीं हैं। इस वजह निगेटिव चीजें उन तक नहीं पहुंच पाती।

अच्छी बात यह है कि मेरे मम्मी-पापा के जैसे ही मेरे इनलॉज और पति सब बहुत सपोर्टिंव हैं। अभी जब मैं झलक-10 कर रही थी, तब मेरे इनलॉज और साथ ही पति की वजह से इंडियन आर्मी की तरफ से खूब सपोर्ट मिल रहा था।

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