दिन रात मेहनत कर बनाई पहचान:महिलाओं को बना रहीं सशक्त, जेंडर इक्वलिटी, पे-गैप पर किया काम

6 महीने पहलेलेखक: भाग्य श्री सिंह
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लाइफ में जिस चीज पर फोकस करेंगे, वही ग्रो करेगी। सोनल जिंदल ने कई संघर्ष झेले लेकिन हार नहीं मानी और आज खुद के दम पर अपनी पहचान बनाई और हजारों महिलाओं को बराबरी का हक देने के साथ उनके लिए काम कर रही हैं।

वुमन भास्कर से खास बातचीत में मेड्यूसा की फाउंडर सोनल जिंदल ने कहा, अगर कोई भी महिला आर्थिक रूप से मजबूत है तो वो जिंदगी में बड़े फैसले आसानी से ले सकती है। मंजिल उसके कदमों में होगी। फैमिली और समाज में उसकी वैल्यू होगी।

हिमाचल के कुल्लू में मेरी शुरूआती परवरिश और पढ़ाई हुई। मैं हमेशा से पढ़ने में अच्छी थी। मैं हमेशा से ही बिजनेस करना चाहती थी। लेकिन पेरेंट्स मेरी जल्दी शादी करना चाहते थे। मैंने 16 साल की उम्र में पापा से बिजनेस आइडिया शेयर किया जो उन्हें अच्छा लगा। कम उम्र में ही मैं काफी समझदार हो गई थी।

फैशन गैलरी में टीम के साथ सोनल
फैशन गैलरी में टीम के साथ सोनल

दादी से मिली प्रेरणा, पापा से शेयर किया बिजनेस प्लान

मेरे इस करियर को चुनने के पीछे मेरी दादी की प्रेरणा है। जब मैं सिर्फ 11 साल की थी, तो उन्होंने मुझसे पूछा कि मैं क्या बनना चाहती हूं और उस सवाल ने मुझे एक वर्किंग वीमेन बनने के लिए प्रेरित किया। मेरी दादी होममेकर थीं, लेकिन वो काफी स्वादिष्ट अचार घर पर बनाती थीं और प्रदर्शनी में उन्हें रखतीं। दादी को होममेड अचार के लिए कई प्राइज मिले, इसलिए मैं उनसे बहुत इन्सपायर थी। 16 साल की उम्र में, मैंने दादी के साथ मिलकर अपना खुद का अचार और जैम का बिजनेस शुरू करने के लिए प्लान बनाया। लेकिन वह प्लान कभी शुरू नहीं हो पाया क्योंकि मेरे पापा ने मुझे दूसरा बिजनेस शुरू करने के लिए बिजनेस एजुकेशन लेने के लिए कहा।

मैंने पढ़ाई पर फोकस किया। बिजनेस में MBA किया। इसी दौरान मुझे मेरी फ्रेंड के भाई से प्यार हो गया। मेरी शादी को गई। शुरुआत में सब अच्छा था लेकिन मेरे ससुराल में काफी पितृसत्तात्मक माहौल था। मुझे एक बने बनाए ढांचे में ढालने और एक आइडियल वाइफ और बहू बनने की उम्मीद की जाती थी।

बच्चों के लिए टॉक्सिक रिश्ते से किनारा

मैं रिश्ता निभा रही थी। मेरे दो प्यारे बच्चे हुए, लेकिन डोमेस्टिक वायलेंस का सिलसिला जारी रहा। मेरे ससुराल वाले और पति मुझे घर से निकलने के लिए मजबूर करते थे, वो चाहते थे कि मैं खुद ही कैसे भी करके घर छोड़ दूं। इसलिए मैंने टॉक्सिक रिश्ते से निकलने की ठानी। अपने बच्चों को एक अच्छा भविष्य देने, बेहतर और मजबूत इंसान बनाने के लिए मैंने पति को छोड़ने और अपनी पहचान मजबूत करने का फैसल किया। अगर मैं उस समय यह फैसला नहीं लेती तो मेरे बच्चे भी जिंदगी में गलत चीजों के आगे सिर झुकाना सीख जाते।

फैशन फेस्टिवल में सोनल अपनी टीम के साथ
फैशन फेस्टिवल में सोनल अपनी टीम के साथ

दिन रात मेहनत कर खड़ी की कंपनी

शादी जिंदगी का आखिरी पड़ाव नहीं है। मैंने सोचा कि मैं अपने करियर पर फोकस करूं। मैंने दिन रात काम किया, पैसे कमाए और अपना बिजनेस शुरू किया। कायनात आपकी परीक्षा लेती है। जीवन के उतार-चढ़ाव में जब आप मजबूत इच्छाशक्ति से जमे रहते हैं तो फाइनेंस अपने आप ही आ जाता है।

मेड्यूसा से रखा फैशन और लाइफस्टाइल की दुनिया में कदम

मेड्यूसा फैशन एक्सिबिशन कंपनी है। इसमें हम फैशन एक्सिबिशन और इवेंट करते हैं। दिसंबर में भी एक इवेंट होने वाला है। हम डिजाइनर को एक प्लेटफॉर्म देते हैं, यहां वो अपने प्रोडक्ट्स को शो करते हैं। क्लाइंट भी यहां आते हैं। इसमें हम निचले स्तर पर काम करने वाली महिलाओं को सपोर्ट करते हैं और उनकी बेहतरी के लिए काम करते हैं।

वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन फोरम की स्पीकर बनीं

कोविड काल के बाद कई बिजनेस में काफी लॉस हुआ था तब वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन फोरम ने मुझे पब्लिक प्लेटफॉर्म पर बुलाया था। इसमें मैंने कंपनी को कैसे डिजिटल लॉन्च किया जाए यह समझाया। हम जिन कंपनीज के साथ काम करते हैं वहां वुमन एमपॉवरमेंट का पैक्ट साइन किया है। इसमें हम महिलाओं के बराबरी के हक की बात सुनिश्चित करते हैं। जेंडर इक्वलिटी, पे-गैप के मुद्दे पर काम कर रहे हैं ताकि महिलाएं कंधे से कंधा मिला कर चल सकें और आर्थिक रूप से मजबूत हों। मेरी कंपनी में महिला और पुरुष कर्मचारी बराबर संख्या में हैं।

मेड्यूसा के इवेंट में सोनल जिंदल
मेड्यूसा के इवेंट में सोनल जिंदल

झोली में हैं कई अवार्ड, मैं हूं सिम्पली अनस्टॉपेबल

मैं सीआईआई वुमेन नेटवर्क की मेंबर हूं और आईसीएनयूआर (इंडियन काउंसिल फॉर यूएन रिलेशंस) एक्सीलेंस इन एंटरप्रेन्योरशिप 2016, आईईसीएसएमई 10वां राष्ट्रीय महिला उत्कृष्टता पुरस्कार 2017, 100 महिला फेसेस इंडिया 2018 जैसे कई अवार्ड मिले हैं। 2018 में BMW Deutcshe Motoren ने मुझे 'सिम्पली अनस्टॉपेबल' के रूप में मान्यता दी और सम्मानित किया। ISOE फिनिशिंग अकादमी 2018 ने मुझे विश्व की प्रभावशाली महिलाओं के रूप में सम्मानित किया गया।

महिलाओं के लिए खास संदेश

हर महिला मजबूत है और बखूबी मल्टीटास्क कर सकती है। अगर कोई आपको हल्के में लेने की कोशिश करता है तो इसका मतलब है कि वो आपकी पॉवर से डरता है। बिजनेसवुमन बनने के लिए प्रोफेशनल एजुकेशन जरूरी है ताकि जर्नी में आने वाले परेशानियों से खुद ही निपटा जा सके। पूरी जांच और गहरी समझ के बाद बिजनेस की दुनिया में कदम रखें।

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