‘मुझे मालूम है आप दुखी हैं, किसी अपने के बिछुड़ने के गम हैं, अवसाद में हैं, विलाप में हैं, युद्ध में हैं, गम में हैं… इन सारी परेशानियों को आप खुद कैसे दूर कर सकते हैं, यही मंत्र लोगों को बताने का काम करती हूं। कोई बाबा बंगाली या जादू टोना वाली बनकर नहीं बल्कि स्पीरिचुअल लाइफ कोच बनकर आपकी परेशानियों को किसी गहरे समुंदर में दबा देना चाहती हूं। जब ये दुख डूब जाएंगे तो सिर्फ सुकून का नीला आसमान बचेगा। जिंदगी का खारापन खत्म हो जाएगा। जिंदगी में उम्मीद जगाने वाले ये शब्द हैं रेकी मास्टर, स्पीरिचुअल लाइफ कोच और टैरो कार्ड रीडर डॉ. प्रिया कौल के।
मां की परेशानी देखी नहीं गई
दिल्ली में पढ़ी-लिखी 36 साल की डॉ. प्रिया कौल वुमन भास्कर से खास बातचीत में कहती हैं, ‘बैचलर्स इन कम्युटर एप्लीकेशन (बीसीए) कर मैंने कोरपोरेट सेक्टर में काम किया, लेकिन अचानक अपने पिता को इस दुनिया से खोने के बाद देखा कि मां बहुत परेशान रहने लगीं और उनकी परेशानी देख मेरे मन में बार-बार एक ही सवाल उठता कि क्या कोई ऐसा तरीका है जिससे मैं अपनी मां के चेहरे पर खुशी ले आऊं। क्या कोई तरीका है जिससे मैं एक बार मां से दुनिया से गुजर चुके पिता की मुलाकात करा सकूं।
कॉरपोरेट की नौकरी छोड़ हीलर बन गई
इसी सवाल का जवाब ढूंढ़ने की जद्दोजहद में कोर्पोरेट की नौकरी छोड़ी और एक मास्टर का साथ मिला फिर मैंने एनर्जी हीलिंग के बारे में पढ़ना शुरू किया। समझा कि आखिर कैसे किसी आत्मा का मिलन जीवित इंसान से कराया जाता है। मां ने एक बार कहा था कि ‘आखिर तुम्हारे पापा इतनी जल्दी मुझे छोड़कर क्यों चले गए।’ मां की ये बात सुनकर मुझे समझ आया कि इंसान के पास ऐसी हजारों बातें होती हैं जिन्हें वह सभी से शेयर नहीं कर पाता।
वह बातें सिर्फ अपने हस्बैंड या किसी खास को बताना चाहता है। तो दुनिया में ऐसे कितने लोग होंगे जो मृत लोगों की याद में बिलख रहे होंगे। जो दुनिया से जा चुके हैं, उनकी कमी को मैं पूरा नहीं कर सकती, लेकिन मीडियमशिप के जरिए उन्हें उनके मृत प्रियजन से मिलवा सकती हूं। मीडियमशिप का यह काम हिप्ननोथेरेपी के जरिए होता है। लगभग ढाई घंटे के इस सेशन में इंसान सामने दिखने वाली आत्मा से अपने मन की बात कर सकता है।
मेंटली, इमोशनली और फिजिकली बैलेंस करने काम
एनर्जी हीलिंग की पढ़ाई करते हुए मैंने जाना कि इंसान के इमोशन कैसे उसे मेंटली, इमोशनली और फिजिकली नुकसान पहुंचाते हैं। मैंने उन्हीं इमोशन्स पर काम किया।
इंसान के खुद के भीतर इतनी बारीकियां हैं, जिससे वह खुद ही खुद को ठीक कर सकता है। मैं इंसान को हिप्नोटाइज करके उससे उसके बारे में जानती हूं। सुपर कॉन्शियस मांइड टैप के जरिए इंसान को उनके इष्टदेव या प्रियजन से भी मिलवाती हूं। मेरा मिशन है कि एनर्जी हीलिंग को मैं हर घर तक पहुंचाऊं, जिससे इंसान खुश हो पाए। इन इमोशन्स को बैलेंस करती हूं।
शुरू की अपनी संस्था
कॉरपोरेट की नौकरी साल 2005 में छोड़ी थी और 2006 में शादी हो गई। 2011 में पिता की मृत्यु के बाद टैरो साइंस में पीएचडी की। 2015 में एनर्जी हीलिंग विद प्रिया कौल संस्था शुरू की। इस संस्था के जरिए मैं तीन तरीकों से काम करती हूं। पहला एनर्जी हीलिंग के जरिए लोगों को बताती हूं कि दवाओं के अलावा स्पिरिट की हीलिंग से परेशानियां आपके शरीर और मन से दूर जा सकती हैं। भीतर की शक्ति आत्मा को जागृत करती है, जिससे आप शांति महसूस करते हैं। मैं दुनिया भर के लोगों को हिप्नोथेरेपिस्ट, एनएलपी टीचर, न्यूमरोलॉजिस्ट, टैरो कार्ड रीडर और रेकी एक्सपर्ट के जरिए दिक्कतों को ठीक करती हूं।
माइंड, बॉडी और आत्मा का मिलन
रेकी एक्सपर्ट होने के नाते मैं इंसान के भीतर पनप रहे तनाव को दूर करती हूं। यहां से मिला रिलेक्सेशन आपकी बॉडी, माइंड और आत्मा को राहत पहुंचाता है। रेकी के जरिए इम्युन और चक्र को जागृत करने का काम भी होता है। बाहर की दुनिया में कुछ नहीं है, जो कुछ भी है वो इंसान के भीतर है। अपने भीतर की शक्ति को जानना ही इंसान के जीवन का उद्देश्य है। मैं लोगों की परेशानियों का परमानेंट सलूशन देती हूं।
खुश रहने के 3 सीक्रेट्स
मेरा मिशन दुनिया में प्यार और शांति लाना है। मैं सभी का शुक्रिया अदा करना चाहूंगी कि वे रोज न्यूज पढ़कर खुद को अपडेट करते हैं। दूसरा, मैं कहना चाहूंगी कि हमें खुद को रोज बदलना होगा, क्योंकि पृथ्वी रोज बदल रही है। तीसरी, हर चीज के अंदर खुशी ढूंढ़ें। पॉजिटिव रहें। इन्हीं तरीकों से आप खुश रह सकते हैं और नेगेटिविटी से दूर।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.