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‘खाकी’ की मीता देवी बनकर छाई:ऐश्वर्या-सुष्मिता ने जीता खिताब तो पड़ा मेरा नाम, लोग बोलते हैं ब्राजीलियन; अमिताभ-अजय के साथ किया काम

नई दिल्ली6 महीने पहलेलेखक: भारती द्विवेदी
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सीधा पल्लू, पीले सिंदूर से भरी मांग, तीखे नैन-नक्श और ठेठ बिहारी लहजे में बात करतीं मीता देवी। नेटफ्लिक्स पर हाल ही में आई सीरीज ‘खाकी’ का यह किरदार लोगों को काफी पसंद आ रहा है। इस किरदार को निभाने वाली लड़की एक्टिंग से पहले पढ़ाई, डांस, सिंगिंग, बैडमिंटन, मॉडलिंग की दुनिया में अपना परचम लहरा चुकी है। अब एक्टिंग की दुनिया में किस्मत आजमा रही है। आज ‘ये मैं हूं’ में बात मॉडल एक्टर ऐश्वर्या सुष्मिता की जर्नी की।

घर की तीसरी बेटी थी तो जन्म पर घरवाले खुश नहीं थे

मेरा जन्म बिहार के दरंभगा में हुआ। घर में मां-पापा के अलावा दो बड़ी बहनें हैं। पापा स्टेट बैंक में काम करते हैं और मां घरेलू महिला। मेरे जन्म पर मां-पापा तो खुश थे लेकिन परिवार में बाकी लोगों को कुछ खास खुशी नहीं मिली थी। वजह साफ है, तीन बेटियों का होना। दसवीं तक पढ़ाई दरभंगा से ही की है। फिर मैं राजस्थान की बनस्थली विद्यापीठ से बारहवीं करने चली गई। पढ़ाई के साथ मैं एक्स्ट्रा एक्टिविटी में अच्छी थी। बैंडमिंटन नेशनल लेबल पर खेला है। डांस और सिंगिंग में भी काफी अच्छी हूं।

बहन ने निफ्ट क्लियर किया तो लोगों ने कहा दर्जी बनेगी

हम बहनों पर पापा ने कभी भी किसी चीज का प्रेशर नहीं डाला। मेरे ऊपर भी डॉक्टर, इंजीनियर और यूपीएससी की परीक्षा में बैठने का दबाव नहीं था। लेकिन घर में और आसपास सब इतना अच्छा कर रहे थे कि मैं उन सबसे बहुत ज्यादा प्रभावित थी। मुझे भी शुरू में पढ़ाई-लिखाई में अच्छा करना था और मैं कर भी रही थी। बनस्थली से पढ़ाई के बाद कॉलेज के लिए मैं दिल्ली आ गई। दिल्ली यूनिवर्सिटी के इंद्रप्रस्थ कॉलेज ऑफ वुमन से फिलॉसफी में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली।

दिमाग में शोबिज कभी नहीं था, कॉलेज में किसी ने सलाह दी

मेरी हाइट अच्छी है और फेस भी कॉमन नहीं तो ग्रेजुएशन के दिन में मॉडलिंग के लिए रैंडम सलाह मिली। दरअसल, हुआ कुछ यूं कि मेरे कॉलेज में कुछ लोग स्काउटिंग के लिए आए थे। उस दौरान उन लोगों ने मुझे देखकर मेरी दोस्त से कहा था कि इसे मॉडलिंग करनी चाहिए। शोबिज से कोई लेना-देना नहीं था। मैंने पापा से इस बारे में बात की तो उन्होंने भी कहा कि तुम्हें एक बार कोशिश करनी चाहिए। फिर मैंने एक एजेंसी से कॉन्टैक्ट किया। उन्होंने मुझे बताया कि किंगफिशर मॉडल के लिए ऑडिशन चल रहा है, तुम वहां ट्राई करो। मैं ऑडिशन देने चली गई और मेरा सेलेक्शन भी हो गया। एक न्यूज चैनल में दस दिन का कॉन्टेस्ट था, जिसमें काफी मेहनत करनी पड़ी। मैंने न कोई फॉर्मल ट्रेनिंग ली थी और न ही मुझे मॉडलिंग की एबीसीडी पता थी। उस कॉन्टेस्ट को जो जीतती वो किंगफिशर कैलैंडर 2016 को रिप्रेजेंट करती। मैं वो शो जीत गई। फिर यहां से मेरी एंट्री मॉडलिंग की दुनिया में हुई।

हर बड़े शो और बड़े डिजाइनर के लिए रैंप पर उतरी

मैं दिल्ली में रहकर ही किंगफिशर कैलेंडर गर्ल बनी। इसके बाद मैंने मॉडलिंग को गंभीरता से लिया और मुंबई जाने का फैसला किया। दिल्ली छोड़ मुंबई जाने के फैसले से मेरे पापा बहुत खुश नहीं थे। लेकिन मैं 2016 में मुंबई चली गई। मॉडलिंग की दुनिया में न्यूकमर को महत्व दिया जाता है। वहां पहुंचकर मैंने हर बड़े शो और बड़े डिजाइनर के लिए काम किया। मैंने डिजाइनर शिव एंड नरेश के साथ शुरुआत की थी। फिर मैंने सब्यसाची, मनीष मल्होत्रा, अनीता डोंगरे, तरुण तहिलियानी, मनीष अरोड़ा, राहुल मिश्रा, रोहित बहल जैसे कई बड़े नाम के लिए रैंप वॉक किया।

मॉडलिंग की दुनिया में डस्की ब्यूटी की होती है कद्र

रैंप पर सांवलेपन यानी कि डस्की ब्यूटी को काफी प्रमोट और एप्रिशियट किया जाता है। सांवला होकर कॉन्फिडेंट होना ये कॉन्फिडेंस मुझे रैंप से मिला है। मॉडलिंग में आने के बाद ही मैं खूबसूरती को बेहतर तरीके से समझ पाई। समझ आया कि ब्यूटी कितनी सब्जेक्टिव होती है। लेकिन एक्टिंग और कर्मिशियल की दुनिया में खूबसूरती का पैमाना अब भी गोरा होना ही है। मुझे फेयरनेस क्रीम की एक नामी ब्रान्ड ने मेरे रंग की वजह से अपने कर्मिशियल का चेहरा नहीं बनाया था।

मेरे नाम की वजह से लोग मुझे आसानी से भूल नहीं पाते हैं

कहा जाता है, आपके नाम का असर आप पर होता है। मेरे साथ ऐसा ही हुआ। मेरे नाम ने मेरी काफी मदद की है। मैं कभी भी लोगों को अपना परिचय देती हूं तो मेरा नाम लोगों के जेहन में रह जाता है। लोग मुझे आसानी से नहीं भूल पाते हैं। साल 1994 में ऐश्वर्या राय और सुष्मिता सेन ने भारत के लिए दो ब्यूटी पेजेंट जीता। मैं उसी साल पैदा हुई थी, मेरे घरवालों ने उन दोनों से इंप्रेस होकर मेरा नाम ऐश्वर्या सुष्मिता रखा दिया।

मुंबई में कदम रखते ही TV एड मिले

मैं मुंबई एक्टिंग का सोचकर ही आई थी। मॉडलिंग तो मैं दिल्ली रहकर भी कर रही थी। मैंने जिस दिन मुंबई में कदम रखा टाइटन आई प्लस के टीवी कर्मिशियल के लिए ऑडिशन था। मैंने पहले ही दिन वो क्रैक कर लिया। उसके बाद मैं फॉक्सवैगन, शॉपर टॉप, जबॉन्ग और भी कई बड़े ब्रॉन्ड के एड का चेहरा रह चुकी हूं।

2016 में मैंने टीवी कमर्शियल किया और 2021 में मुझे नीरज पांडे की ‘स्पेशल ऑप्स’ सीरीज मिली। यहां तक पहुंचने में मुझे पांच साल लग गए। मैंने हर साल अपनी एक्टिंग को बेहतर करने के लिए वर्कशॉप लिया। इस बीच मुझे ऑफर्स भी आए लेकिन मैंने सोचा था, जब तक एक्टिंग के लिए तैयार नहीं हो जाती, तबतक इसमें नहीं आऊंगी। मैंने ‘स्पेशल ऑप्स’ के लिए ऑडिशन दिया, जब मैं सेलेक्ट हुई तो खुशी का ठिकाना नहीं था। नीरज पांडे और केके मेनन के साथ काम करना अपने आपमें बड़ी बात थी। हालांकि इससे पहले मैंने अमिताभ बच्चन और अजय देवगन के साथ फिल्म ‘रनवे 34’ में काम किया था। ‘रनवे 34’ का एक्सपीरियंस ‘स्पेशल ऑप्स’ में काम आ गया।

'खाकी' का ऑडिशन दिया तब लोगों को पता नहीं था बिहार से हूं

‘स्पेशल ऑप्स’ के तुरंत बाद मैंने खाकी के लिए ऑडिशन दिया था। पहले मीता देवी के लिए किसी औऱ को लिया जाना था। लेकिन, मेरे ऑडिशन के बाद रोल मेरे हिस्सा आया। कास्टिंग डायरेक्टर और सबने पूछना शुरू कर दिया, तुमने किरदार का बिहारी टच इतना बढ़िया कैसे पकड़ा। उस टाइम तक किसी को पता नहीं था कि मैं बिहार से हूं।

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