एक ऐसी महिला जिसने अपने करिअर की शुरुआत दूसरों की कहानियां लिखने से की, लेकिन किस्मत ने कलम की जगह उन्हें खूबसूरती का कद्रदान बना दिया। आज वह मिडिल क्लास महिलाओं को पहचान का प्लेटफॉर्म देती हैं जो न तो अंग्रेजी बोल पाती थीं और न ही किसी ऑर्गेनाइजेशन से जुडी थी लेकिन आज कुछ अलग कर रही हैं। तबस्सुम हक डैजल इंडिया इंटरनेशनल की डायरेक्टर हैं और कई इंटरनेशनल ब्यूटी पेजेंट करा चुकी हैं।
रेडियो पर एनाउंसर से करिअर शुरू किया
तबस्सुम भास्कर वुमन से खास बातचीत में कहती हैं ये महिलाएं जिम्मेदारियों के बोझ तले दबी हुईं थीं। ब्यूटी पेजेंट क्या होता है उन्हें पता तक नहीं था। तब मैंने इन घरेलू महिलाओं के लिए काम करना शुरू किया। मैं रेडियो पर एनाउंसर थी, लेकिन ब्यूटी कांटेस्ट ऑर्गेनाइजर बन गई। देश में कई जगहों पर कार्यक्रम करवाए। कुछ ही दिनों में मैं साउथ कोरिया में एक ब्यूटी पेजेंट में भारत को रिप्रेजेंट करूंगी। वहां मैं खास मेहमान बनकर जा रही हूं।
दिल्ली में ही पढ़ाई-लिखाई हुई
मैं दिल्ली में ही पली-बढ़ी। दिल्ली विश्वविद्यालय के माता सुंदरी कॉलेज से पढ़ाई पूरी की। मेरे बचपन के दिन मुश्किलों में गुजरे। बुनियादी जरूरतों के लिए बहुत संघर्ष किया। तब सपने देखना बहुत दूर की बात थी। कभी सोचा ही नहीं था की मैं ये सब कर पाऊँगी जो आज कर रही हूं । पढ़ाई पूरी करने के बाद करिअर तो पत्रकारिता में बना, लेकिन यह ज्यादा दिन कर नहीं पाई।
किड्स कॉन्टेस्ट ने गाइड किया
शादी हुई। बच्चे हो गए। देखते ही देखते करिअर पर ब्रेक लग गया। दो बच्चों की परवरिश, घर गृहस्थी में उलझ कर रह गई। इस बीच एक बार बेटी को किसी किड्स कॉन्टेस्ट में हिस्सा दिलाने के लिए ले गई। वहीं से ख्याल आया कि जब बच्चों के लिए रैम्प शो हो सकते हैं तो क्यों न शादीशुदा महिलाओं के लिए भी ऐसा प्लेटफॉर्म बने। तब मैंने 2016 में पति की मदद से अपनी कंपनी “परिसा कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड” की शुरुआत की। मिसेज दिल्ली-एनसीआर नाम से पहला कार्यक्रम किया। शो कामयाब रहा। इसके खूब चर्चे हुए।
आगे बढ़ती रही
इसके बाद तो मैंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। फिर तो अलग-अलग शहरों में ब्यूटी पेजेंट कराने लगी। इसके जरिए मुझे दुनिया घूमने और अलग-अलग कल्चर को समझने का मौका मिला। देश ही नहीं विदेशों में कार्यक्रम किए। थाईलैंड, फ़िलीपींस, श्रीलंका में ब्यूटी पेजेंट किए।
19 से ज्यादा ब्यूटी कांटेस्ट कर चुकी हूं
गोवा, तेलंगाना, दिल्ली आदि शहरों में मैंने घरेलू महिलाओं के लिए ब्यूटी कांटेस्ट कराए। गोवा में डैजल मिसेज एशिया, डैजल मिसेज इंडिया यूनिवर्स, डैजल मिसेज़ इंडिया इंटरनेशनल, डैजल मिसेज इंडिया वर्ल्ड तो खासे चर्चित रहे। इसी तरह डैजल मिसेज दिल्ली एनसीआर, डैजल मिसेज तेलंगाना का भी आयोजन कराया।
एंटरप्रेन्योर बनीं महिलाएं
अलग-अलग पेजेंट के जरिए महिलाओं को शोहरत मिली जो कभी साधारण जिंदगी गुजार रहीं थीं। लगभग एक हजार लड़कियों को चारदिवारी से निकाल कर एक मजबूत एंटरप्रेन्योर बनाया है। इनमें से चार महिलाओं ने तो इंटरनेशनल लेवल पर अपनी पहचान बनाई है। लखनऊ की यामिनी डोंगरा कोक विथ कैंसर ड्राइव से जुड़ी हैं जो हेयर डोनेट के लिए लोगों को जागरूक करती हैं।
कैंसर सरवाइवर को भी रैम्प पर उतारा
इसी तरह, मंजूषा झुग्गियों में रहने वाले लोगों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए काम करती हैं। हैदराबाद की सुचिता जोशी आर्मी वेलफेयर से जुड़ी हैं। ये सब अलग-अलग मिडिल क्लास बैकग्राउंड से हैं। यही नहीं, मैंने कई कैंसर सरवाइवर को भी रैम्प पर उतारा है। मेरे सीजन 2 ब्यूटी कांटेस्ट की विनर कैंसर सरवाइवर पूनम झा चुंग थीं। वो आज बेंगलुरु में जॉब कर रही हैं। इन महिलाओं पर मुझे प्राउड होता है।
मन में यही है चाहत
मेरी ख्वाहिश है कि मिस एंड मिसेज यूनाइटेड नेशंस में अलग-अलग यूरोपीय और एशियाई देशों में कांटेस्ट हो और मैं इंडिया को रिप्रजेंट करूं। ऐसे कांटेस्ट में भी घरेलू महिलाएं ही होंगी जिनका न केवल रैम्प पर उतरने का सपना पूरा होगा, बल्कि बड़े स्तर पर उनकी पहचान भी बनेगी।
22 से सियोल में हो रहा कांटेस्ट
22 जून से साउथ कोरिया की राजधानी सियोल में ब्यूटी कांटेस्ट हो रहा है। अभी उसकी तैयारी में जुटी हूं। इसका ग्रैंड फिनाले 30 जुलाई को होगा। 100 से ज्यादा देश इस ब्यूटी पेजेंट में हिस्सा ले रहे हैं। मुझे यहां अपने देश को रिप्रेजेंट करने का मौका मिला है।
ब्रेस्ट कैंसर पर जागरूकता फैला रही
जहां-जहां ब्यूटी कांटेस्ट होते हैं वहां ब्रेस्ट कैंसर को लेकर जागरूकता भी फैलाया जाता है। सियोल में होने वाले कार्यक्रम में भी कैंसर के प्रति अवेयरनेस फैलाना हमारा लक्ष्य है।
जो खुद की मदद करते हैं, किस्मत उनका साथ देती है
इनकी हिम्मत को दाद दो, ये शक्ति हैं, अमूल्य हैं, ये शब्द मैंने उन महिलाओं को समर्पित किया है जिन्होंने जिंदगी में कुछ हासिल किया। दुनिया को अपने वजूद के बारे में बताया। इन्होंने खुद को साबित किया है। मैं यही कहना चाहूंगी कि खुद को उपेक्षित नहीं समझें। आपके अंदर भी टैलेंट है। अपने आत्मविश्वास को ऊंचा रखें, सफलता जरूर मिलेगी।
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