मियामी. अमेरिका के हवाई आइलैंड में किलुआ ज्वालामुखी लगातार 20 दिनों से फट रहा है। लावा सीधे तौर पर तो नुकसान पहुंचा रहा ही है, इस लावे के कारण कई और तरह की मुसीबतें खड़ी हो गई हैं। सिविल डिफेंस डिपार्टमेंट के मुताबिक जहां लावा समुद्र में मिल रहा है उसके आसपास एक हजार डिग्री सेल्सियस से ज्यादा गर्म बादल बन सकते हैं। ज्वालामुखी से मिथेन और सल्फर डायऑक्साइड निकलने से पूरे इलाके की हवा जहरीली हो सकती है। साथ ही मिथेन के अंदर धरती में नए विस्फोट होने की आशंका है।
- सिविल डिफेंस के मुताबिक, जब समुद्र में लावा मिलता है, तब लेज नाम के बादल बनते हैं, ये बादल 1093 डिग्री सेल्सियस तक गर्म होते हैं।
- ये एक तरह का खतरनाक एसिड स्टीम (भाप) है। टॉक्सिक का स्तर बहुत ज्यादा होने के चलते ये बैटरी के एसिड से कहीं ज्यादा खतरनाक होता है।
- इन गर्म बादलों में छोटे-छोटे शीशे के कण भी होते हैं। इसके हल्के असर से भी आंखों में समस्या और सांस लेने में परेशानी खड़ी हो सकती है।
- हवाई काउंटी के सिविल डिफेंस ने लोकल लोगों को लेज के खतरे से आगाह रहने की वॉर्निंग दी है और लोगों को समुद्र में दूर रहने के लिए कहा है।
- इन सबके बीच भूकंप को लेकर भी अलर्ट जारी किया गया है। सड़कों पर भी लावे की वजह से दरारें पड़ गई हैं।
रोज दोगुनी मात्रा में निकल रही जहरीली गैस
- ज्वालामुखी से निकलने वाले लावे से सल्फर डाइऑक्साइड अब दोगुनी मात्रा में निकल रही है। शुरू में रोजाना 6000 टन सल्फर डाइऑक्साइड निकल रही थी। अब दो गुना बढ़कर 15000 टन तक पहुंच गई है।
- हाल ही में हुए धमाके में 50 बिल्डिंग और प्लांट तबाह हो गए। 50 मेगावाट के पुना जियोथर्मल प्लांट को भी नुकसान पहुंचा है। इस लावे से 10,360 वर्ग किमी का क्षेत्र प्रभावित हुआ है।
ज्वालामुखी के निकल रहीं नीली लपटें
- यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने बुधवार को ज्वालामुखी में धधक रही आग की रात के वक्त की फोटो जारी की है। इसमें लपटें नीले रंग की नजर आ रही है, जो मिथेन गैस की वजह से है।
- साइंटिस्ट वेन्डी स्टोवॉल के मुताबिक, ज्वालामुखी से मिथेन गैस निकल रही है। ये गैस दरारों के जरिए पूरी जमीन पर फैल रही है। दरारों के जरिए जमीन के अंदर दाखिल होने पर इसके चलते भयानक विस्फोट भी हो सकता है।
आगे की स्लाइड्स में देखें ज्वालामुखी विस्फोट से बिगड़े हवाई के हालात की फोटोज...
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