1,000 Km रास्ता
तय कर अयोध्या पहुंचीं
शालिग्राम शिलाएं
Dharm
31 टन और 15 टन की शालिग्राम
शिलाएं नेपाल की काली गंडकी
नदी से बिहार के रास्ते कुशीनगर होते
हुए गुरुवार को अयोध्या पहुंचीं।
1 हजार किलोमीटर की इस यात्रा
के दौरान शालिग्राम शिलाएं जहां
से गुजरीं वहां-वहां श्रद्धालुओं ने
पूरा भक्ति-भाव दिखाया।
भगवान राम के बाल स्वरूप और
माता सीता की मूर्तियों को बनाने के
लिए शालिग्राम शिलाओं को अयोध्या
में रामसेवकपुरम स्थित कार्यशाला
में रखा गया है।
भगवान विष्णु के निवास स्थान
माने जाने वाले शालिग्राम की पूजा
भगवान शिव के अमूर्त प्रतीक के रूप
में 'लिंगम' की पूजा के बराबर
मानी जाती है।
ये शिलाएं अब गंडकी नदी से
विलुप्त प्राय हैं, केवल दामोदर कुंड में
कुछ शालिग्राम पाए जाते हैं, जो गंडकी
नदी से 173 किमी की दूरी पर है।
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