देश में करीब 15 फीसदी प्रोटीन पाउडर और फूड सप्लीमेंट्स सुरक्षित नहीं हैं। फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी है।
2021-22 के दौरान जमा किए गए 1.5 लाख डायट्री सप्लीमेंट्स में से करीब 4890 सैम्पल्स सेहत के लिए सही नहीं पाए गए।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन की डायरेक्टर डॉ. हेमलता आर के मुताबिक आमतौर पर शरीर में प्रोटीन की उस तरह से कमी नहीं होती जैसे दूसरे न्यूट्रिएंट्स की होती है।
अगर आप फिर भी प्रोटीन सप्लीमेंट ले रहे हैं तो ध्यान रहे कि यह आसानी से शरीर में डाइजेस्ट नहीं होता। इसे लेने से शरीर को कोई खास लाभ भी नहीं मिलता।
वहीं बच्चों की हाइट और सेहत को लेकर फिक्रमंद पेरेंट्स बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के मार्केट से फूड सप्लीमेंट्स खरीदकर बच्चों को देते हैं।
अधिकतर पेरेंट्स टीवी या सोशल मीडिया पर हेल्दी ड्रिंक्स का एडवर्टिजमेंट देखकर इंप्रेस हो जाते हैं। जबकि बच्चों को इन्हें देने की जरूरत ही नहीं होती।
NIN के अनुसार, 80% भारतीय हेल्दी डाइट नहीं लेते। उनकी थाली में दाल, हरी सब्जियां, फल, ड्राई फ्रूट्स और डेयरी प्रोडक्ट्स शामिल नहीं होते।
डॉ. हेमलता बताती हैं कि जब तक शरीर में न्यूट्रिएंट्स की कमी न हो, सप्लीमेंट्स लेने से बचना चाहिए। लैब जांच से न्यूट्रिएंट्स की कमी की जानकारी मिलती है।