महिला पहलवान
जिसे कोई मर्द
चित न कर सका
Trending
हमीदा बानो जो 1950 के दशक में भारत की
एकमात्र महिला पहलवान थीं जो मर्द पहलवानों
को घुटने टेकने पर मजबूर करती थीं।
1954 में 32 साल की हमीदा ने
चुनौती दी कि ‘जो मुझे दंगल में हरा देगा,
वह मुझसे शादी कर सकता है।’ ऐसे दंगलों
में उन्होंने तीन पहलवानों को हराया।
महज एक मिनट और 34 सेकंड में
ही हमीदा बानो ने बड़ौदा के बाबा पहलवान
को चित कर दिया। बाबा ने पहलवानी
से संन्यास ले लिया।
हमीदा ऐसी पहलवान थीं जो अपनी
दिलेरी के लिए जानी जाती थीं। उनका वजन
107 किलो और कद 5 फुट 3 इंच था।
5 लीटर दूध, 2 लीटर जूस, एक मुर्गा,
एक किलो मटन, 450 ग्राम मक्खन, 6 अंडे,
एक किलो बादाम, 2 बड़ी रोटियां और
बिरयानी रोज की खुराक थी।
मिर्जापुर की पैदाइश, पर अलीगढ़
में रहीं। उन्हें अमेरिका की पहलवान के
नाम पर 'अलीगढ़ की एमेजॉन' कहा जाता।
वह मर्द पहलवानों की तरह लड़तीं।
सन 1954 तक वह 320 दंगल जीत
चुकी थीं। किसी शहर में उनके आने की
घोषणा तांगे और लॉरियों पर बैनर और
पोस्टर लगाकर की जाती।
मशहूर लेखिका क़ुर्रतुल ऐन हैदर ने
लिखा है कि बकौल फकीरा (उनका नौकर)
कोई माई का लाल उस शेर की बच्ची
को हरा नहीं सका था।
लाइफ & स्टाइल की और
स्टोरीज के लिए क्लिक करें
Click Here