1 करोड़ साल
पुराना मानसून
4 दिन लेट

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मौसम विभाग के मुताबिक इस साल देश में
मानसून चार दिन की देरी से पहुंचेगा।

दरअसल, मानसून अरब सागर से उठने
वाली मौसमी हवा को कहते हैं; जो पूरे भारतीय
उप महाद्वीप में बारिश कराती है।

मानसून का जो मौजूदा रूप है,
वह लगभग 1 करोड़ साल से
साउथ एशिया में हर साल आता रहा है।

पूरे साउथ एशिया को हरा-भरा और
उपजाऊ बनाने में मानसूनी हवाओं का
बड़ा योगदान है।

लाखों सालों से हर साल जून के
पहले सप्ताह में मानसून केरल के तट पर
दस्तक देता है और अगले कुछ महीने देश के
अलग-अलग हिस्सों में फूहार बरसाता है।

उत्तर में मौजूद हिमालय मानसूनी
हवाओं को तिब्बत और चीन की
ओर जाने से रोक देता है।

जिसके चलते देश में बरसात का
सीजन थोड़ा लंबा हो जाता है। 

मानसून की बारिश कम या ज्यादा होने पर
बाढ़-सुखाड़ जैसी स्थिति पैदा होती है।

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