दुनिया में
400 से ज्यादा
रामायण

Dharm

माना जाता है कि राम के जीवन पर
सबसे पहला ग्रंथ महर्षि वाल्मीकि द्वारा
लिखी गई रामायण है। लेकिन वाल्मीकि
से पहले भी वेदों में राम का नाम
एक-दो स्थानों पर मिलता है।

भारतीय साहित्य के इतिहास में
राम कथा 2400 सालों से पढ़ी, सुनी और
लिखी जा रही है। इन 2400 सालों में
हर शताब्दी में कोई एक
रामकथा लिखी गई है। 

भारत के अलावा 9 देश और हैं जहां रामायण
को किसी न किसी रूप में पढ़ा और सुना जाता है।
अकबर, जहांगीर और शाहजहां जैसे मुगल
शासकों ने वाल्मीकि रामायण को
उर्दू में ट्रांसलेट कराया था।

रामकथा पर कई विद्वानों ने
रिसर्च की है, लेकिन सबसे डिटेल रिसर्च
करने वालों में फादर प्रो. कामिल बुल्के
का नाम आगे है।

1935 में बेल्जियम से भारत आए
मिशनरी कामिल बुल्के तुलसीदास की
रामचरितमानस से इतना प्रभावित हुए कि
उन्होंने रामकथा पर ही PhD कर डाली।

प्रो. बुल्के ने दुनिया के अलग-अलग
हिस्सों में लिखी गई रामकथा पर रिसर्च की,
उनकी इसी रिसर्च थीसिस पर ‘रामकथा’
नाम से किताब भी पब्लिश की गई।

इस किताब में दुनिया की तमाम
रामकथाओं का जिक्र है। दुनिया में
400 रामकथाएं हैं। करीब 3,000 से
ज्यादा ग्रंथों में राम का जिक्र है।

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