कंपनी बोर्डरूम
से गायब
महिलाएं

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कंपनी एक्ट में सूचीबद्ध हर कंपनी,
100 करोड़, 300 करोड़ या उससे अधिक
के कारोबार वाली कपंनी में कम से कम एक
महिला डायरेक्टर का होना जरूरी है।

दिल्ली, कानपुर और बिहार में
रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (Roc) में रजिस्टर
कई कंपनियां इसका
उल्लंघन करती पाई गई हैं। 

पिछले साल अकेले दिल्ली में डिफॉल्ट
करने वाली 20 से ज्यादा कंपनियों को कारण
बताओ नोटिस जारी किए गए। 

बिहार में 61 कंपनियां ऐसी हैं जहां
एक महिला डायरेक्टर होनी चाहिए। लेकिन
29 कंपनियों ने इस नियम को माना,
32 कंपनियों को डिफॉल्टर पाया गया।

Deloitte Touche Tohmatsu India
LLP की फरवरी 2022 की बोर्डरूम रिपोर्ट की
मानें तो देश की कंपियनों के बोर्ड्स में महिलाओं
की भागीदारी 17.1% है।

ग्लोबल लेवल पर कंपनीज के बोर्ड्स में
19.7% सीटों पर वुमन डायरेक्टर की भागीदारी है।

डेलॉयट ने कहा कि भारत में कंपनियों
के बोर्ड में वुमन डायरेक्टर की संख्या
में 2013 के बाद सुधार हुआ है।

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