कोविड की वजह
से भारत में बदला
नौकरियों का ट्रेंड
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कोविड-19 महामारी से पहले, भारत की
इकोनॉमी दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली
अर्थव्यवस्थाओं में से एक थी। हालांकि,
महामारी का इस पर गंभीर प्रभाव पड़ा।
कोविड-19 के बाद भारत के जॉब
और एम्प्लॉयमेंट के रुझानों में महत्वपूर्ण
बदलाव हुए हैं। अगले 1 साल में देश में
5 तरह की जॉब्स की डिमांड बढ़ेगी।
सबसे अधिक जरूरत उन लोगों की रहने
वाली है जो टेक्निकल नॉलेज, मैनेजमेंट स्किल्स,
कम्युनिकेशन और कोऑर्डिनेशन स्किल्स
जैसे 4 स्किल्स साथ लेकर चलते हैं।
कोविड-19 ने ई-कॉमर्स और डिजिटल
तकनीकों के विकास को गति दी है। अब लोग
फिल्म देखने से लेकर कपड़े खरीदने और राशन
मांगने तक ऑनलाइन जा रहे हैं।
कोविड के बाद लोगों में हेल्थ अवेयरनेस
बढ़ी है इसलिए फिजियोथेरेपिस्ट, डेंटिस्ट,
दूसरे डॉक्टर्स, मेडिकल रिसर्चर्स जैसे
हेल्थ प्रोफेशनल्स की डिमांड रहेगी।
भारत ने 2030 तक 450 GW प्राप्त करने
का लक्ष्य रखा है। इसमें सोलर, विंड और
हाइड्रोइलेक्ट्रिक सहित रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र
में रोजगार के अवसर पैदा हो सकते है।
मार्च 2023 की सरकारी रिपोर्ट की
माने तो कृषि में भारत के लेबर फोर्स का 45%
से अधिक लगा हुआ है। देश में एग्रीकल्चर
रोजगार का एक बड़ा क्षेत्र बना रहेगा।
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