पेपर लीक और
एग्जाम कैंसिल
होने से छात्रों पर प्रेशर 

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भारत में कॉम्पिटेटिव एग्जाम्स को
लेकर कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिनके
कारण छात्रों पर प्रेशर बढ़ गया है।

कोविड-19 महामारी के कारण कई
परीक्षाओं को स्थगित या रद्द कर दिया गया।
छात्रों और उम्मीदवारों के लिए बहुत
अनिश्चितता पैदा हो गई।

इसके कारण UPSC सिविल सेवा
परीक्षा और NEET-PG जैसी परीक्षाओं
में कई महीनों की देरी हुई।

कोविड-19 के पहले भी भारत में
कॉम्पिटेटिव एग्जाम्स खास तौर पर सरकारी
नौकरी के लिए होने वाली परीक्षाओं और
रिजल्ट्स का लेट होना आम है।

ऐसा खासतौर पर SSC और रेलवे में प्री
और मेन्स एग्जाम के बीच भी होता है।

प्री एग्जाम देने के बाद उसके रिजल्ट्स
और मुख्य परीक्षा की डेट्स के इंतजार में कई
बार सालों का वक्त निकल जाता है।

2013 में सामने आए व्यापम स्कैम से लेकर
2018 में SSC-CGL पेपर लीक होने तक भारत
में कई पेपर लीक की घटनाएं होती रही हैं।

साल 2009 में आईआईएम में एडमिशन
के लिए होने वाले कंप्यूटर टेस्ट से लेकर IBPS
क्लर्क परीक्षा, UGC नेट जैसी कई ऑनलाइन
परीक्षाओं में तकनीकी गड़बड़ियों की
जानकारी मिली है।

उम्मीदवार की जगह किसी और
व्यक्ति द्वारा परीक्षा देने जैसी घटनाएं भी
हुई हैं और पकड़ में भी आई हैं। 

2019 में राजस्थान में JEE-मेन्स
जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा में नकली आधार कार्ड
का उपयोग किया गया, जो पर्यवेक्षकों की
सावधानी के कारण पकड़ा गया।

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