16 दिसंबर को सुबह करीबन 10 बजे सूर्य वृश्चिक से निकलकर गुरु की राशि धनु में प्रवेश करेगा। 14 जनवरी की रात तकरीबन 9 बजे मकर राशि में सूर्य के आते ही खरमास खत्म होगा।
पौराणिक मान्यता के अनुसार, खरमास के दौरान शुभ काम नहीं किए जाते, लेकिन पूजा-पाठ, दान और खरीदारी का महत्व है।
खरमास में दान और मंत्र जाप का विधान है। इस महीने में निष्काम भाव से जो व्रत किए जाते हैं, उनका अक्षय फल मिलता है और व्रत करने वाले के सभी दोष खत्म हो जाते हैं।
खरमास में व्रत-उपवास की शुरुआत, उद्यापन, कर्णवेध, मुंडन, यज्ञोपवीत, विवाह और प्रथम तीर्थ यात्रा वर्जित है।