महाशिवरात्रि
पर 700 सालों में
पंच महायोग

Dharm

18 फरवरी यानी फाल्गुन महीने
के कृष्ण पक्ष की चौदस को पंच महायोग
में मनेगी महाशिवरात्रि, खास बात ये है
कि यह संयोग 700 सालों में बना है।

शिवरात्रि पर केदार, शंख, शश,
वरिष्ठ और सर्वार्थसिद्धि योग मिलकर
पंच महायोग बना रहे हैं।

शिव महापुराण के मुताबिक फाल्गुन
महीने के कृष्ण पक्ष की चौदस को आधी
रात में शिवजी लिंग रूप में प्रकट हुए थे।
तब भगवान विष्णु और ब्रह्माजी ने
पहली बार शिवलिंग की पूजा की।
इसलिए शिवरात्रि मनाते हैं।

महाशिवरात्रि पर पूरे दिन-रात पूजा
कर सकते हैं। स्कंद, शिव और लिंग पुराण
के अनुसार,  इस पर्व पर रात में शिवलिंग
का अभिषेक करना बहुत शुभ
माना जाता है।

अगर मंदिर न जा पाएं तो घर पर ही
कुछ जरूरी चीजों के साथ विधि-विधान
से ‘ऊँ नम: शिवाय’ मंत्र का जाप हुए
शिव पूजा करें। ये महापूजा जितना
ही फल देती है।

शिवलिंग पर दूध और जल
चढ़ाने के बाद उसे न पिएं,
सिर आंखों पर लगा सकते हैं।

इस दिन तेरस और चौदस दोनों
तिथियां है। ग्रंथों में ऐसे संयोग को शिव
पूजा के लिए बहुत खास बताया है।
इन ग्रह योग में नई शुरुआत और
खरीदारी से फायदा मिलेगा।

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