पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, विवाह
पंचमी के दिन ही भगवान राम और सीता का
विवाह हुआ था। श्रीराम- माता सीता के जीवन की
ये बातें आपके रिश्ते को मजबूत बनाएंगी।
श्रीराम और सीता के रिश्ते की नींव गहरा
विश्वास था। रावण द्वारा सीता हरण के बावजूद
राम ने सीता के लिए धर्म युद्ध किया। वहीं सीता
को यकीन था कि राम जरूर आएंगे।
नि:स्वार्थ प्रेम की वजह से भगवान राम
और माता सीता का रिश्ता मजबूत था।
शादी में प्यार तभी संभव है जब जीवन
साथी से स्वार्थ न रहे।
शादी को निभाने के लिए एक-दूसरे के लिए
त्याग जरूरी है। सीता राम के साथ रहने के
लिए महल छोड़ कर जंगलों में भटकीं।
सीता और राम के वैवाहिक जीवन
से एक- दूसरे के लिए ईमानदार रहने की
सीख लें। सोने की लंका में रह कर भी सीता
जी का मन राम में ही लगा था।
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