हीरोइन बनने के लिए
 इशरत बनीं इंदुरानी

Entertainment

1931 में रिलीज हुई फिल्म 'आलम आरा'
के बाद बोलती फिल्मों का दौर आया, तो कई
 नए कलाकारों को हिंदी सिनेमा से जुड़ने का मौका मिला। इन नए कलाकारों में से एक थीं इंदुरानी। 

इनका असली नाम इशरत जहां था,
 लेकिन वह जब फिल्मों में आईं तो
 पिता ने इन्हें इंदु नाम दिया। 

पहले तो पिता इंदुरानी को फिल्मों में भेजने
के खिलाफ थे। लेकिन जब वो जुआरी बने तो
उन्होंने अपने खर्च के लिए बेटियों की कमाई
 का इस्तेमाल किया। 

इंदुरानी फिल्मों में आईं और अपने हुनर से
बोलती फिल्मों की स्टार बन गईं। लेकिन चंद
गलत फैसलों और बच्चे की मृत्यु से सदमे में
चली गईं। इनका करियर बर्बाद हो गया।

इंदुरानी 1940 में भारत की सबसे कम उम्र में
घर खरीदने वाली लड़की थीं। फिल्मों में काम
 करते हुए इन्होंने मीना कुमारी और गोविंदा के
पिता अरुण आहूजा की भी आर्थिक मदद की।

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