मुगल-ए-आजम
बनाने में के. आसिफ
ने लुटाई दौलत
Entertainment
हिंदी सिनेमा के मशहूर डायरेक्टर
के. आसिफ की आज 52वीं पुण्यतिथि है।
आपको बताते हैं उनसे जुड़ी कुछ रोचक बातें।
के. आसिफ वो डायरेक्टर हैं, जिन्होंने हिंदी
सिनेमा की सबसे बेहतरीन फिल्म कही जाने
वाली ‘मुगल-ए-आजम’ बनाई थी। उन्होंने अपने
करियर में कुल 2 ही फिल्में बनाई थीं।
‘मुगल-ए-आजम’ बनाने में उन्हें
14 साल लगे। इसके सिर्फ एक गाने 'प्यार
किया तो डरना क्या' को फिल्माने में 10 लाख
का खर्च आया, 105 गानों को रिजेक्ट करने
के बाद नौशाद ने ये गाना चुना था।
1947 के भारत-पाकिस्तान विभाजन,
राजनीतिक तनाव और सांप्रदायिक दंगों की
वजह से फिल्म की शूटिंग अनिश्चितकाल
के लिए रोक दी गई थी।
विभाजन के बाद प्रोड्यूसर शिराज अली
पाकिस्तान चले गए, जिसके बाद फाइनेंसर के
तौर पर के. आसिफ के पास कोई नहीं था। बाद
में शापूरजी मिस्त्री फिल्म के फाइनेंसर बने।
1949 में एक्टर चंद्र मोहन का हार्ट अटैक
की वजह से निधन हो गया। साथ ही कई
लोगों ने फिल्म में काम करना छोड़ दिया।
इसके बाद नए स्टार कास्ट के साथ फिल्म
मेकिंग की दोबारा शुरुआत हुई।
मुगल-ए-आजम में पहली बार भारतीय
सेना के हाथी, घोड़ों और सैनिकों का इस्तेमाल
किया गया। ऐसा करने के लिए के. आसिफ ने
तत्कालीन रक्षा मंत्री कृष्णा मेनन से
बाकायदा इजाजत ली थी।
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