अधूरा रहा रीमा लागू
का इश्क
Entertainment
'हम आपके हैं कौन' और 'हम साथ-साथ हैं
जैसी फिल्मों में ट्रडिेडिशनल सेलेकर मॉडर्न
मां के कि रदारसेपहचानी जानेवाली रीमा लागू
ने फि ल्म इंडस्ट्री में अपनी अलग जगह बनाई।
रीमा ने एक्टिंग की दनिुनिया में आने से पहले
10 साल तक बैंक मेंकाम कि या। ‘तू-तूमैं-मैं’
रीमा कासबसेफेमस टीवी सीरि यल था।
मराठी सि नेमा में कई साल तक एक्टिंग
करने के बाद रीमा ने1980 मेंफिल्म
‘कलयुग’ से हिंदी सिनेमा में कदम रखा।
एक्टिंग के दौरान रीमा की मुलाकात मशहूर मराठी एक्टर विवेक लागू से हुई। दोनों को एक दूसरे से प्यार हुआ और उन्होंने शादी कर ली।
शादी के कुछ समय बाद रीमा और विवेक
के बीच मनमुटाव होने लगा। दोनों ने अलग
होने का फैसला कि या। उनकी एक बेटी
मृण्मयी रीमा के साथ रहती थीं।
रीमा पहली बार 1988 मेंरि लीज हुई
फिल्म 'कयामत से कयामत तक' में
जूही चावला की मांबनीथीं। 1989 में
'मैंने प्यार कि या' और 1991 में 'साजन'
फिल्म में उन्होंने मां का किरदार निभाया।
रीमा नेज्यादातर खुशनुमा मुस्कान वाली
मां के किरदार निभाए, लेकिन संजय दत्त
की कम बैक फिल्म ‘वास्तव’ में उन्होंने
मां के रोल को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
इस फिल्म में रीमा ने गैंगस्टर की मां का
किरदार नि भाया, जो अपने ही बेटे को गोली
मार देती है। फिल्म के इस सीन में रीमा को
गोली चलानेके लिए काफी मेहनत करनी पड़ी।
रीमा अपने निधन के आखिरी घंटों तक ‘नामकरण’ सीरियल की शूटिंग कर रही
थीं। उस दिन वह शूटिंग करके घर लौटीं
और रात के वक्त उनके सीने में दर्द होने लगा।
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