छौंक, तड़का, बघार
और धुंगार में अंतर

Food

भारतीय खाने की एक ख़ासियत है।
यहां ‘छौंक कभी तड़का, कभी बघार और
कभी धुंगार’ के नाम से जाना जाता है। 

छौंक लगाने के तरीके भी अलग-अलग हैं।
लेकिन मुख्य रूप से खाने के फीकेपन को
दूर कर उसमें खास फ्लेवर जोड़ने के लिए
और बेहतर डाइजेशन के लिए तड़का
लगाने की परंपरा रही है।

गुजराती खाने में दाल ‘वघारी’ जाती है तो
पंजाब में दाल में ‘तड़का’ लगाया जाता है। 

उत्तराखंड और हिमाचल में ‘जखिया’ का
छौंक लगता है। यूपी-बिहार की दाल में हींग,
राई, जीरा, लहसुन, कड़ी पत्ता, तेजपत्ता,
पंचफोड़न और मिर्च जैसी कई
चीजों से दाल छौंकी जाती है।

राजस्थान में खाने के बीच अंगार को
रख उस पर घी उड़ेला जाता है, जिससे निकलने
वाला धुंआ पूरे खाने को सुवासित कर देता है।
इसे ‘धुंगार’ कहते हैं।

खाने के साथ अपनाई जाने वाली ये
तरकीबें हमारे मुहावरों में भी शामिल हैं। कहीं
लोग अपनी शान में ‘शेखी बघारते’ हैं या दूसरों
की बात में ‘तड़का’ लगाते दिख जाते हैं।

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