बिना ब्रेन जन्म लेते हैं
लाखों बच्चे

Health

दुनिया में हर साल न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट्स
से पीड़ित ऐसे लाखों बच्चे जन्म लेते हैं,
जिनका ब्रेन विकसित नहीं हो पाता।

जन्म के कुछ समय बाद ही उनकी
मृत्यु हो जाती है या फिर वे जिंदगीभर रीढ़ से
जुड़ी बीमारियों से जूझते रहते हैं।

गर्भ की शुरुआत में भ्रूण में एक
ट्यूब बनती है, जिसे ‘न्यूरल ट्यूब’ कहते हैं,
जो आगे की जिंदगी का आधार बनती है।

इसी ट्यूब का ऊपरी हिस्सा आगे
विकसित होकर ब्रेन बनता है और बाकी के
निचले हिस्से से रीढ़ की हड्डी बनती है।

कभी-कभी भ्रूण में न्यूरल ट्यूब का
कोई हिस्सा कहीं से खुला रह जाता है। जिसे
‘न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट्स’ (NTD) कहते हैं।

जिससे बच्चे की रीढ़ की हड्डी, दिमाग और
नसों में गड़बड़ियां आ जाती हैं। वे स्पीना
बिफिडा जैसे रोगों के शिकार हो जाते हैं।

स्पीना बिफिडा में बच्चे में स्पाइनल कॉर्ड या
बैकबोन विकसित नहीं हो पातीं। पैरालिसिस
की वजह से वह खड़ा नहीं हो पाता।

एनेनसेफली की बीमारी में बच्चे में दिमाग
ठीक से विकसित नहीं हो पाता। कभी-कभी
उसके सिर में मस्तिष्क होता ही नहीं।

NTD के कारण दुनिया में हर साल
88,000 बच्चों की मौत हो जाती है, 86 लाख
बच्चे जिंदगीभर विकलांगता झेलते हैं।

लाइफ & स्टाइल की और
स्टोरीज के लिए क्लिक करें

Click Here