टॉयलेट में बैठकर अखबार, किताबें
और मैगजीन पढ़ने से सूक्ष्म कीटाणु
पेपर पर चिपक जाते हैं। ये हमारे
स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं।
हालांकि न्यूजपेपर पर बैक्टीरिया
कुछ मिनट रह पाते हैं। लेकिन
प्लास्टिक कवर वाली किताबों पर
बैक्टीरिया घंटों रह सकते हैं।
इसी तरह टॉयलेट में आई पैड
या मोबाइल फोन का इस्तेमाल
ठीक नहीं होता। इन पर भी
बैक्टीरिया घंटों रह सकते हैं।
कमोड का इस्तेमाल करने के बाद यदि
बिना हाथ धोए ही मोबाइल छूते हैं तो
संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है।
कई बार लोग कमोड पर बैठे-बैठे दो-तीन
बार फ्लश करते हैं। फ्लश से हवा में
हानिकारक बैक्टीरिया तैरने लगते हैं।
ऐसे में यदि हम मोबाइल पर
बात करते हैं तो ये कीटाणु
हमारे शरीर में चले जाएंगे।
जिन लोगों को सांस की बीमारियां हैं
उनकी तकलीफ और बढ़ सकती है।
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