डायबिटीज, टीबी से
बचाते कचनार के फूल
Health
कचनार को हिंदी में युग्मपत्र,
उड़िया में बोरोडा, अंग्रेजी में बटरफ्लाई ऐश,
कैमेल्स फुट जैसे नामों से पुकारते हैं।
भारत के अलावा कचनार
मूल रूप से चीन, भूटान, नेपाल, पाकिस्तान,
म्यांमार और थाईलैंड में पाया जाता है।
कचनार अरहर, मटर जैसी दालों का रिश्तेदार है,
जिसके भरे-पूरे खानदान 'लेग्युमिनोसी' में
20 हजार से ज्यादा प्रजातियां हैं।
कई रोगों की आयुर्वेदिक दवाएं कचनार से
बनती हैं। चरक संहिता और सुश्रुत संहिता ग्रंथ में
भी कचनार के फूलों के फायदे बताए गए हैं।
कचनार के फूल में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन-बी,
सी, कैल्शियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, आयरन,
जिंक जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं।
कचनार के फूलों से करी, रायता,
पकौड़े, अचार व सब्जियां बनती हैं।
इसकी कलियों से कबाब भी बनाते हैं।
कचनारी मटन मसाला, कचनार की
खट्टी सब्जी बनाने के साथ ही कई नॉनवेज डिश में
फ्लेवर लाने के लिए इसके फूल डालते हैं।
कचनार के फूल डायबिटीज, टीबी, कैंसर,
थायरॉइड, कब्ज, सूजन, मुहांसे, खुजली, सर्दी
और सांस के रोगों में फायदेमंद हैं।
कचनार के फूल खाने से इम्यूनिटी बूस्ट होती है।
अंदरूनी जख्मों को भरने में मदद मिलती है।
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