ब्लड क्लॉट होने पर खून तरल पदार्थ से
एक जेल में बदलने लगता है, जिसका स्वरूप
थक्के जैसा होता है। इसे थ्रोम्बोसिस भी कहते हैं।
जब ये क्लॉटिंग शरीर के अंदर नसों में होने
लगती है, तो खतरनाक बन जाती है। इसकी वजह
से हार्ट अटैक और हार्ट स्ट्रोक हो सकता है।
ज्यादातर पैर के निचले हिस्से में
ब्लड क्लॉटिंग देखने को मिलती है। ये लेकिन
हाथ, हृदय, पेल्विस, फेफड़े, ब्रेन, पेट और शरीर
के अन्य हिस्सों में भी हो सकती है।
कोविड-19 के दुष्प्रभावों में से एक रक्त
के थक्के जमना है, जिससे धमनियों में थक्का
बनने का खतरा भी बढ़ जाता है। इसके चलते
दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है।
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