बिकिनी मेडिसिन के
जाल में उलझे डॉक्टर
Health
अमेरिका के डॉक्टर नानेते कास वेंगर ने
तीन दशक पहले ‘बिकिनी मेडिसिन’ का
नाम लेकर मेडिकल साइंस की दुनिया में
तहलका मचा दिया।
वेंगर का कहना था कि ‘बिकिनी मेडिसिन’
कॉन्सेप्ट की वजह से दुनियाभर में महिलाओं के
इलाज में कोताही बरती जा रही है।
यहीं से मेडिकल साइंस की दुनिया में
'बिकिनी मेडिसिन' शब्द चल पड़ा।
आज वेंगर की उम्र 93 साल है।
वेंगर ने कहा कि मेडिकल प्रोफेशनल्स महिलाओं
की बीमारियों के बारे में सोचते वक्त उनके ‘ब्रेस्ट
और प्राइवेट पार्ट’ तक ही सीमित रह जाते हैं।
महिला के बाकी शरीर के इलाज को इतना
महत्वपूर्ण नहीं माना जाता, कई बीमारियों और
उनके लक्षणों को नजरअंदाज कर दिया जाता है।
मेडिकल प्रोफेशनल्स महिलाओं और
परुषों का एक ही तर्ज पर इलाज करते हैं
और एक जैसी ही डोज देते हैं।
महिलाओं को बस उनके प्राइवेट पार्ट यानी
बिकनी एरिया के मामले में ही पुरुषों से अलग
समझा जाता है। जबकि महिलाओं का बाकी
शरीर भी पुरुषों से अलग है।
दिल की बीमारियों, स्ट्रोक जैसी कई
बीमारियों के लक्षण महिलाओं में पुरुषों से अलग
होते हैं और महिलाओं की बीमारियों को बड़े
पैमाने पर नजरअंदाज किया जाता है।
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