चीन और भारत में 5 हजार साल
पहले से मसालों के तौर पर सोंठ का इस्तेमाल
हो रहा है। महाभारत और आयुर्वेद में अदरक
व सोंठ का जिक्र मिलता है
सूखी अदरक को ही सोंठ कहते हैं।
सोंठ पहली सदी में भारत से जापान, 11वीं सदी
में इंग्लैंड और 16वीं सदी में अमेरिका पहुंची।
14वीं सदी में इंग्लैंड में 450 ग्राम
अदरक की कीमत एक भेड़ के बराबर थी।
16वीं सदी में यूरोप हर साल पूर्वी देशों से
2 हजार टन सोंठ मंगवाता था।
सोंठ जोड़ों के दर्द, आंतों की सूजन
और सिरदर्द में राहत दिलाती है। यह वजन
घटाने में मददगार है।
ज्यादा सोंठ खाने से पेट और मुंह में जलन
व दस्त हो सकती है। पथरी या ब्लीडिंग डिसऑर्डर
में सोंठ खाना खतरनाक हो सकता है।
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