दिल्ली एम्स, पश्चिम बंगाल के कल्याणी एम्स और चंडीगढ़ के PGIMER के साथ ब्रिटेन की मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने फंगल इंफेक्शन पर स्टडी की।
स्टडी के मुताबिक 5.72 करोड़ भारतीयों को सीरियस फंगल डिजीज है। हर साल भारत की 10 गुना से ज्यादा आबादी फंगल इन्फेक्शन का शिकार होती है।
टीनिया कोर्पोरिस नाम के फंगल इंफेक्शन में शरीर पर गोल आकार के रैश होते हैं। टीनिया पेडिस पैर की अंगुलियों और टीनिया अनग्युअम इंफेक्शन नाखून में होता है।
जिन लोगों को ज्यादा पसीना आता है, उनमें टीनिया क्रूरिस देखा गया है। यह इंफेक्शन जांघों, प्राइवेट पार्ट, हिप्स और आर्मपिट्स में होता है।
फंगस को फैलने के लिए नमी चाहिए। यह सर्दी और गर्मी दोनों मौसम में हो सकती है।
इससे बचने के लिए हाइजीन का ख्याल रखें। पब्लिक टॉइलेट का इस्तेमाल करते हुए सावधानी बरतें। दिन में 2 बार कपड़े बदलिए।
इलाज से फंगल इंफेक्शन 3 से 9 महीनों में ठीक हो जाता है। लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया जाए तो यह दिमाग तक पहुंचकर मौत का कारण बन सकता है।
फंगल इंफेक्शन कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों, डायबिटीज और एड्स के मरीजों को ज्यादा जल्दी होता है, इसलिए बचकर रहें।