आयुर्वेद में सहजन को अमृत के
समान गुणकारी बताया गया है। इसका
वैज्ञानिक नाम मोरिंगा ओलिफेरा है।
सहजन के फूल में यौन क्षमता को बेहतर बनाने
के गुण होते हैं। बढ़ती उम्र के असर को कम करना
चाहते हैं तो डाइट में सहजन की फली लें।
एंटी-अल्सर गुणों से भरपूर सहजन के
सेवन से पेट का दर्द और सूजन कम होती है।
सहजन की छाल भी पेट के लिए उपयोगी है,
यह डाइजेशन में सुधार करती है।
सहजन के फूल ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के जोखिम
को कम कर स्किन को हेल्दी बनाते हैं।
सहजन की छाल का सेवन साइटिका,
गठिया, लिवर में लाभकारी होता है। सहजन की
छाल में शहद मिलाकर पीने से वात और
कफ रोगों में आराम मिलता है।
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