गुलमोहर के फूल खाएं,
गंजापन भगाएं

Health

माना जाता है कि गुलमोहर के फूल को
लाल रंग ईसा मसीह के रक्त से मिला। श्रीकृष्ण
का मुकुट भी इसके फूलों से सजाते हैं।

बंगाल और ओड़िशा में गुलमोहर के
फूल को 'कृष्णचूड़' भी कहते हैं। इसका
असली नाम डेलोनिक्स रेजिया है।

गुलमोहर की खोज 1820 में
मेडागास्कर में हुई। वहां से इसका पौधा पहले
मॉरिशस, फिर पूरी दुनिया में फैल गया।

1840 में गुलमोहर का पहला पौधा
मुंबई आया, जहां इसके खूबसूरत फूलों को
देख इसे नाम दिया गया- गुलमोहर।

गुलमोहर के फूलों में प्रोटीन, एमिनो एसिड,
कैरोटीन, अल्कालॉइड्स, स्टेरॉइड्स, एल्केलॉइड
जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं।

गुलमोहर के फूलों से शर्बत, चटनी, करी, पकौड़े
और सब्जी बनती है। ये फूल एंटीबैक्टीरियल,
एंटीफंगल, एंटीऑक्सिडेंट, कार्डियो-प्रोटेक्टिव हैं।

गुलमोहर के फूल खाने से गैस, कब्ज, बवासीर,
मुंह के छाले, गठिया, गंजापन जैसी समस्याओं
और पीरियड्स के दर्द में राहत मिलती है।

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