अल्कोहल पीने के बाद ज्यादातर लोग रिलैक्स महसूस करते हैं। नशा इसका सबसे शॉर्ट टर्म इफेक्ट माना जाता है।
ये ब्रेन के न्यूरोट्रांसमीटर्स के साथ मिल जाता है, जिसकी वजह से वो केमिकल, जो दिमाग को संदेश भेजने का काम करता है, वह कम हो जाता है।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के अनुसार, ज्यादा और लगातार अल्कोहल पीने से कई तरह की शारीरिक और मानसिक बीमारियां हो सकती हैं।
इसका किसका कितना प्रभान पड़ेगा यह अल्कोहल पीने की मात्रा और समय अंतराल पर निर्भर होता है।
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, अमेरिका में आमतौर पर हर दिन एक पुरुष दो ड्रिंक लेता है और महिला एक ड्रिंक लेती है।
एक ड्रिंक में 14 ग्राम का प्योर अल्कोहल होता है। यह मात्रा बीयर से 5% ज्यादा और वाइन के छोटे ग्लास में 12% और डिस्टिल स्पिरिट में 40% अधिक होती है।
सीडीसी की माने तो जो महिला हफ्ते में 8 से ज्यादा और पुरुष 15 या उससे ज्यादा ड्रिंक लेता है, तो उसे हैवी ड्रिंकर कहा जाता है।
कई लोगों में शॉर्ट टर्म इफेक्ट में त्वचा का थोड़ा ड्राई हो जाना, गाल और आंखों के नीचे सूजन हो जाना और उल्टियां जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं।
अमेरिकन एडिक्शन सेंटर के मुताबिक, लंबे समय तक लगातार ज्यादा अल्कोहल पीने से ब्रेन, डाइजेस्टिव सिस्टम, कार्डियोवस्कुलर सिस्टम और मसक्यूलोस्केलेटल सिस्टम पर भी असर पड़ता है।