देशभर में H3N2 वायरल के केस तेजी
से बढ़ रहे हैं। इसकी चपेट में आने के बाद
लोगों को कमजोरी और थकान से उबरने में
2 सप्ताह से अधिक समय लग रहा है।
इन्फ्लुएंजा के मरीजों में तेज बुखार, लगातार
खांसी और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत
पाई जा रही है। इसलिए कई बार आशंका ये भी
जताई जाती है कि कहीं ये कोविड-19 तो नहीं है।
एम्स के मेडिसिन डिपार्टमेंट के
प्रोफेसर पीयूष रंजन कहते हैं कि कोविड
निचले रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को प्रभावित करता है,
जबकि H3N2 ऊपरी रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट
को नुकसान पहुंचाता है।
तेजी से बढ़ते फ्लू के कारण IMA ने
अलर्ट जारी किया है, जिसके अनुसार बिना
बीमारी को जाने एंटीबायोटिक्स न लें।
H3N2 वायरस से बचने के लिए
बार-बार हाथ धोएं, मास्क का उपयोग करें
और पब्लिक प्लेस पर जाने से बचें।
बुखार और बदन दर्द की स्थिति में
पैरासिटामोल ले सकते हैं और तबियत ज्यादा
खराब है तो डॉक्टर की सलाह लें।
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